राजनीति या कुंठा!
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

राजनीति या कुंठा!

जिस संसद भवन को अपना आशीर्वाद देने 31 अत्यधिक श्रद्धेय अधीनम संत तमिलनाडु से आ रहे हैं, उस तमिलनाडु के दल को बहिष्कार इतना अनिवार्य क्यों लग रहा है?

by हितेश शंकर
May 30, 2023, 12:15 pm IST
in भारत, सम्पादकीय
संसद भवन

संसद भवन

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जनसंघ-भाजपा को छोड़कर भारत के इतिहास में भारत को कभी भी कोई जिम्मेदार विपक्ष नहीं मिल सका। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विपक्ष के मन में किसी तरह का उत्साह न होना तो समझा जा सकता है, लेकिन यहां तो विपक्षी दलों में इस उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को लेकर भारी उत्साह प्रतीत हो रहा था।

इसे देश की विडंबना क्यों न माना जाए कि जनसंघ-भाजपा को छोड़कर भारत के इतिहास में भारत को कभी भी कोई जिम्मेदार विपक्ष नहीं मिल सका। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विपक्ष के मन में किसी तरह का उत्साह न होना तो समझा जा सकता है, लेकिन यहां तो विपक्षी दलों में इस उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को लेकर भारी उत्साह प्रतीत हो रहा था। बहाना बनाया गया राष्ट्रपति का।

अच्छी बात यह है जिन्होंने राष्ट्रपति के पद को घोषित तौर पर निजी चाटुकारों के लिए सुरक्षित और संरक्षित करने की चेष्टा की, उनके इस निपट स्वांग को आम जनता अच्छी तरह समझ रही है और यह स्वांग हर मंच पर अनावृत्त हो चुका है। हर मंच पर यह बात बहुत ठोस ढंग से रखी गई कि किस प्रकार कांग्रेस के प्रथम परिवार के छोटे-बड़े सदस्यों ने राष्ट्रपति या राज्यपाल को आमंत्रित किए बिना, किसी भी संवैधानिक पद पर हुए बिना, विभिन्न सरकारी भवनों और परियोजनाओं का उद्घाटन किया और किस प्रकार कांग्रेस और विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति मुर्मू की आदिवासी पृष्ठभूमि के कारण उनका मजाक उड़ाया था।

अगर राष्ट्रपति ही मुद्दा थीं, तो 2017 में जीएसटी लागू करने के अवसर पर कांग्रेस ने समारोह का बहिष्कार क्यों किया था? तब तो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मोदी दोनों उपस्थित थे। लेकिन आज वे राष्ट्रपति के बहाने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे हैं। हर व्यक्ति समझ रहा है कि मुद्दा राष्ट्रपति नहीं थीं। असल मुद्दा सरकार की हर पहल का आंख मूंदकर विरोध करना भर है। क्यों नहीं वे खुल कर कहते हैं कि असली कारण राष्ट्रपति की ‘प्रशंसा’ नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के लिए ‘घृणा/ईर्ष्या/जुगुप्सा’ है?

विपक्ष सिर्फ प्रधानमंत्री का या नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार नहीं कर रहा है, वह थिरुवदुथुराई के गोमुक्तेश्वर मंदिर से जुड़े वैदिक शैव अधीनम् के राजदंड, सेंगोल का भी बहिष्कार कर रहा है, जो चोल वंश में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक रहा है और इस भूमि की संप्रभुता का प्रतीक है। सेंगोल शब्द तमिल शब्द ‘सेम्मई’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है धार्मिकता। यह धर्मदंड है, यह भारत की स्वतंत्रता का एक ऐतिहासिक प्रतीक है।

लेकिन दूसरे दृष्टिकोण से देखें, तो प्रश्न यह है कि ऐसे दलों से जिम्मेदारी से व्यवहार कर सकने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है, जिनमें सच बोलने का भी साहस नहीं है? खास तौर पर कांग्रेस। अगर कांग्रेस के अहम को इस कारण ठेस लग रही है कि वे सत्ता में हमेशा के लिए क्यों नहीं हैं, तो उसे यह समझना चाहिए कि अपनी जिस काल्पनिक सर्वोपरिता को वह अपने अस्तित्व का आधार मानती है, उसके दिन 1980 के दशक के अंत में ही लद चुके थे, जब वह त्रिकोणीय मुकाबलों में भी तीसरे स्थान पर आती थी, और अब 2024 आ रहा है।

इनसे ज्यादा स्पष्टता तो के.सी. त्यागी ने प्रदर्शित की है, जिन्हें हाल ही में नीतिश कुमार ने फिर से खोज निकाला है। के.सी. त्यागी ने कहा है कि वे नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार इसलिए करेंगे, क्योंकि वे विपक्षी एकता के पक्ष में हैं। ठीक है। लेकिन यह तर्कविहीन जिद अब अपने ही दांव में फंस चुकी है।

विपक्ष सिर्फ प्रधानमंत्री का या नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार नहीं कर रहा है, वह थिरुवदुथुराई के गोमुक्तेश्वर मंदिर से जुड़े वैदिक शैव अधीनम् के राजदंड, सेंगोल का भी बहिष्कार कर रहा है, जो चोल वंश में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक रहा है और इस भूमि की संप्रभुता का प्रतीक है। सेंगोल शब्द तमिल शब्द ‘सेम्मई’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है धार्मिकता। यह धर्मदंड है, यह भारत की स्वतंत्रता का एक ऐतिहासिक प्रतीक है।

जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त 1947 को इसे एक विशेष समारोह में प्राप्त किया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसे निजी भेंट के तौर पर इलाहाबाद संग्रहालय में सोने की छड़ी के रूप में लेबल किया गया था। विपक्ष के लगातार चले आ रहे रवैये को देखते हुए अगर यह प्रश्न उठता है कि क्या विपक्ष शीर्ष पर न्याय के प्रतीक ‘नंदी’ वाले और कोलारू थिरुपथिगम से अभिमंत्रित राजदंड का बहिष्कार हिन्दू प्रतीकों से घृणा जताने की अपनी आदत के कारण कर रहा है, तो इससे वह इनकार कैसे कर सकेगा? वास्तव में कांग्रेस के अलावा डीएमके को भी इसका उत्तर देना चाहिए।

चोल राजवंश का तो तमिलनाडु से गहरा संबंध है। क्या डीएमके का तथाकथित ‘तमिल गौरव’ केवल धोखा देकर वोट लेने का नारा है? अन्यथा जिस संसद भवन को अपना आशीर्वाद देने 31 अत्यधिक श्रद्धेय अधीनम संत तमिलनाडु से आ रहे हैं, उस तमिलनाडु के दल को बहिष्कार इतना अनिवार्य क्यों लग रहा है? साफ है कि कांग्रेस के पचड़े में पड़कर अन्य विपक्षी दल अपना हित-अहित समझने की भी क्षमता खोते जा रहे हैं।
@hiteshshankar

Topics: विपक्षी दल‘तमिल गौरव’Hatred of Hindu Symbolsराष्ट्रपति मुर्मूचोल राजवंशSymbols of JusticePresident Murmuराजदंड का बहिष्कारNandiजनसंघ भाजपाहिन्दू प्रतीकों से घृणाKolaru ThirupathigamJansangh BJPन्याय के प्रतीकIndia in the History of Indiaनीतिश कुमारकोलारू थिरुपथिगमFarceसेंगोलभारत के इतिहास में भारतPresident Pranab Mukherjeesengolनिपट स्वांगप्रधानमंत्री मोदीPolitics or Frustration!नया संसद भवनराष्ट्रपति प्रणब मुखर्जीनंदीतमिल शब्द 'सेम्मई'New Parliament HouseChola Dynastyprime minister modisengol word tamil word 'semmai'नए संसद भवनBoycott of Scepter
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

बड़बोले ट्रंप

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

आयुष्मान भारत: बिहार के ज्ञानेंद्र को मिला नया जीवन, PM मोदी ने लिखा पत्र, कहा- ‘आपका स्वास्थ्य, हमारा संकल्प’

मोदी और कार्नी की मुलाकात द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई है

पटरी पर लौटेंगे भारत-कनाडा संबंध, Modi-Mark की हुई बात, दोनों देशों के नए उच्चायुक्त संभालेंगे काम

कजाकिस्तान गणराज्य, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान गणराज्य, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान गणराज्य के विदेश मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी

मध्य एशियाई देशों ने आतंकवाद पर किया भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन, PM Modi ने कहा-मिलकर निपटेंगे चुनौतियों से

Defence minister Rajnath Singh to visit Bhuj Airforce station

जम्मू कश्मीर के बाद आज भुज एयरफोर्स स्टेशन का दौरा करेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा तैयारियों को लेकर की उच्चस्तरीय बैठक, दिए बड़े निर्देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies