सहारनपुर। सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी को भोग लगाने पहुंचे जूना अखाड़े हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र आनंद जी महाराज ने कहा है कि हिंदू धर्म ग्रंथों में कहीं भी जाति व्यवस्था का उल्लेख नहीं है, सनातन धर्म संस्कृति में कोई छोटा-बड़ा नहीं है।
शंकराचार्य आश्रम में उन्होंने कहा कि रामायण, महाभारत विश्व के प्राचीन ग्रंथ हैं, इसमें किसी भी देव या किसी के भी नाम के आगे जाति का उल्लेख नहीं है। कृष्ण, राम, अर्जुन, दशरथ, रावण, कंस आदि किसी के भी आगे जाति का वर्णन नहीं मिलता, यानी सभी सनातनी एक समान थे।
महामंडलेश्वर ने कहा कि जाति व्यवस्था या जाति सूचक शब्दों का प्रयोग मुगलों और मुगल कालीन इतिहास लिखने वाले वामपंथियों, अंग्रेजी हुकूमत ने शुरू की थी। जिससे देश को नुकसान हुआ और राजनीतिज्ञ भी इस परंपरा को लेकर चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब-जब सनातनी एक हुआ है राष्ट्र मजबूत हुआ है। महाराज ने कहा कि वर्तमान में नरेंद्र मोदी, आजादी के बाद पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने सनातन धर्म को देश में स्थापित किया है। सनातन संस्कृति के उत्थान से देश का मान सम्मान बढ़ा है।
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