मध्य प्रदेश में एक ओर इस्लामिक लव जिहाद ने जोर पकड़ा है तो दूसरी ओर ईसाई मतान्तरण के मामले भी अधिकांश जिलों से सामने आ रहे हैं। वहीं, अब पुलिस-प्रशासन को ईसाई मिशनरियों की करतूत बताने वाले भी सामने आ रहे हैं। वे बता रहे हैं कि कैसे-कैसे लालच देकर ईसाई पादरी और नन उनका ब्रेन वॉश करने में लगे हैं।
ताजा मामला शहडोल जिले में सामने आया है, जहां वनवासियों को लालच देकर मतान्तरित कराया जा रहा था। एक समाजसेविका ने आगे आकर हिम्मत दिखाई और एक पादरी समेत आठ लोगों को पुलिस के हवाले कर दिया। जैतपुर थाना क्षेत्र के डोंगरी टोला में कथित तौर पर एक घर में ईसाई मत के लोग जनजाति वर्ग के लोगों को इकट्ठा कर उनका धर्म परिवर्तन कराने जा रहे थे। यह कार्य सिधिहा सिंह गोंड़ के मकान में किया जा रहा था। जब इसकी जानकारी समाजसेविका सुनैना सिंह सैय्याम को लगी तो वे तुरंत सिधिहा के घर पहुंचीं। उन्होंने पुलिस को इस संबंध में सूचना दी, जिससे पुलिस भी सक्रिय हो उठी और वह भी मौके पर पहुंच गई। वहां मतांतरण करा रहे पादरी शंकर समेत आठ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। वहीं, इस पूरे मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस संबंध में थाना प्राभारी भानू सिंह का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा मतान्तरण कराने का मामला प्रकाश में लाया गया। आठ लोगों से मतांतरण को लेकर पूछताछ की जा रही है। मामले की जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
इस माह में यह मतान्तरण का दूसरा बड़ा मामला है। इससे पहले 13 मई को एक अन्य प्रकरण में आस-पास के जिलों से आए ईसाई समुदाय के लोग वनवासी ग्रामीणों को एक बंद कमरे में धर्मांतरण के लिए ब्रेन वॉश कर रहे थे। यहां रहने वाली महिला के मकान में 50 से अधिक जनजाति समुदाय के ग्रामीण मतान्तरण करते हुए पाए गए। बालाघाट, उमरिया, पाली से ईसाई समुदाय के लोग आए थे। मतांतरित किए जाने की सूचना पड़ोसियों ने शहडोल पुलिस को दी थी। मतांतरण में लगे हुए चार लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। अनूपपुर में भी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों पर मतान्तरण कराए जाने के आरोप लगे हैं। एनसीपीसीआर को यहां कन्वर्जन की शिकायत मिली है, जिसकी जांच होगी ।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को आकांक्षी ब्लॉक के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में कई लोगों ने इस बात की जानकारी दी थी। प्रियंक कानूनगो ने कहा कि इस बात की शिकायत मिली है कि कुछ प्रोफेसरो द्वारा मतांतरण कराने के लिए बच्चों को छत्तीसगढ़ के पेंन्ड्रा ले जाया जाता है। इस शिकायत की जांच करेंगे और सत्य पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भोपाल में भी चार माह पूर्व ईसाई मतान्तरण का बड़ा मामला प्रकाश में आया था। भोपाल के रातीबड़ इलाके के ग्राम केकडिया में जनजाति समुदाय के लोगों को लालच देकर ईसाई मत अपनाने के लिए दबाव बनाया गया। गांव के ही हीरालाल जामोद के घर में बड़ी संख्या में आदिवासियों को बुलाया गया फिर हीरालाल के ठिकाने पर 40 से 50 लोग प्रार्थना करके हिंदू धर्म के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां करने लगे। हीरालाल पादरी बन चुका है। उस पर आरोप है कि वह मतांतरित होने के बाद से ही जनजातियों को लालच देकर मतान्तरित किए जाने के लिए उकसाता है।
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