सावरकर ने उघाड़ा था कांग्रेस का मुस्लिम प्रेम
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सावरकर ने उघाड़ा था कांग्रेस का मुस्लिम प्रेम

वीर सावरकर कहते थे कि कांग्रेस हिन्दू अधिकारों का हनन करके मुस्लिम तुष्टीकरण कर रही है। भारतवर्ष में मुस्लिम तुष्टीकरण करना देश के साथ धोखाधड़ी है

by उदय माहूरकर
May 27, 2023, 12:46 pm IST
in भारत, विश्लेषण
वीर सावरकर

वीर सावरकर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

वीर सावरकर मुस्लिम तुष्टीकरण के सख्त विरोधी थे। उन्होंने तुष्टीकरण और इससे भारत का क्या हाल होगा, इसको भी पहचाना था

उदय माहूरकर,
इतिहासकार एवम केंद्रीय सूचना आयुक्त

वीर सावरकर उत्कट राष्ट्र भक्त हैं, इसमें किसी भी तरह का कोई संशय है ही नहीं। सावरकर जी के बारे में कांग्रेस और उनके विरोधी यह वातावरण तैयार करने में लगे रहते हैं या आरोप लगाते हैं कि वे हिन्दू-मुस्लिम के बीच दरार पैदा करने में लगे रहे थे और आजादी में उनका कोई योगदान नहीं था। यह सरासर गलत और झूठ है। असल में वीर सावरकर दो मोर्चों पर लड़ रहे थे।

पहला, कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति, जो मुस्लिम कट्टरवाद को मजबूती प्रदान कर रही थी। दूसरा, वह अंग्रेजों के समक्ष लड़ाई लड़ रहे थे। इसका साक्ष्य है 1945 का शिमला सम्मेलन। उस समय लार्ड वेवल वायसराय था। एन.बी. खरे उस समय वायसराय की कार्यकारी परिषद के सदस्य थे। उन्होंने लार्ड वेवल से कहा कि शिमला कांफ्रेंस में आपने हिन्दू महासभा और सावरकर को क्यों नहीं बुलाया?

इस पर वायसराय ने जो जबाव दिया उससे पूरी कहानी का पदार्फाश हो जाता है। उसने कहा कि सावरकर और हिन्दू महासभा हमारे लिए कांग्रेस से भी बड़े दुश्मन हैं। अगर सावरकर यहां आते तो हमारा पूरा सम्मेलन ही असफल कर देते। जबकि वायसराय ने इस कार्यक्रम में मुस्लिम लीग, कांग्रेस सहित अन्य दलों को बुलाया था। इससे बड़ा और साक्ष्य क्या हो सकता है कि वह अंग्रेजों की आंखों में कैसे खटक रहे थे।

वीर सावरकर सामने से लड़ाई लड़ रहे थे। वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 1937 में ही जान लिया था कि कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति से भारत को नुकसान हो सकता है। दूसरी बात, सावरकर को कांग्रेस में शामिल होने का न्योता तीन नेताओं की तरफ से मिला था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, अच्युतराव पटवर्धन और एस.एम. जोशी।

इन लोगों ने सावरकर जी से कहा था कि आपके आने से कांग्रेस को बल मिलेगा। लेकिन सावरकर ने उनका न्योता ठुकरा दिया और कहा कि कांग्रेस हिन्दुओं के अधिकारों का हनन करके मुस्लिम तुष्टीकरण कर रही है। भारतवर्ष में मुस्लिम तुष्टीकरण करना देश के साथ धोखाधड़ी है। उस समय उन्होंने एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा था कि मैं सही देशभक्तों की आखिरी पंक्ति में खड़ा रहना पसंद करूंगा, बजाय ऐसे लोगों की पहली पंक्ति में जो देशभक्ति के नाम पर देश के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।

सावरकर और हिन्दू महासभा हमारे लिए कांग्रेस से भी बड़े दुश्मन हैं। अगर सावरकर यहां आते तो हमारा पूरा सम्मेलन ही असफल कर देते। जबकि वायसराय ने इस कार्यक्रम में मुस्लिम लीग, कांग्रेस सहित अन्य दलों को बुलाया था। इससे बड़ा और साक्ष्य क्या हो सकता है कि वह अंग्रेजों की आंखों में कैसे खटक रहे थे। वीर सावरकर सामने से लड़ाई लड़ रहे थे। वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 1937 में ही जान लिया था कि कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति से भारत को नुकसान हो सकता है। – वायसराय

भारत विभाजन पर पहले ही किया था सचेत

वीर सावरकर 1937 में हिन्दू महासभा में शामिल हो गए। इसलिए नहीं कि वह हिन्दू महासभा के सभी सिद्धांतों से सहमत थे, बल्कि इसलिए कि हिन्दू महासभा एकमात्र पार्टी थी जो हिन्दू हकों का हनन नहीं कर रही थी। उन्होंने बयान दिया था कि जिस तरीके से कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण करती जा रही है और मुस्लिम लीग के जाल में फंसती जा रही है, इससे भारत का विभाजन हो सकता है और पाकिस्तान बन सकता है। यह बात उन्होंने दिसम्बर, 1937 में ही कही थी।

दिसम्बर, 1937 से लेकर 1943 तक वीर सावरकर ने पूरे देश का भ्रमण किया। देश की प्रजा को समझाने की कोशिश की कि कांग्रेस की नीति बहुत खतरनाक है और इससे भारत का विभाजन हो सकता है। इन्होंने कांग्रेस के नेता को भी कहा कि गांधी और नेहरू देश को जिस रास्ते पर ले जा रहे हैं, उससे देश का विभाजन हो सकता है। कांग्रेस में कई ऐसे नेता थे जो सावरकर जी से सहानुभूति रखते थे।

परन्तु सावरकर जी का गांधी जी की हत्या में नाम आ गया या कहें पंडित नेहरू ने उनको इसमें फंसा दिया। इसके बाद से सहानुभूति रखने वाले नेता डर गये। वरना कांग्रेस के कई ऐसा नेता थे, जो बाद में सावरकर जी के साथ खुले तौर पर दिख सकते थे। के .एम. मुंशी जैसे दिग्गज नेता, जो एक समय महात्मा गांधी जी के सबसे निकट के लोगों में शामिल थे, विभाजन के बाद वह उनसे बिल्कुल अलग हो गये थे। इन्होंने बयान जारी कर कहा था कि गांधी जी ने देश को गलत रास्ता दिखाया था।

वीर सावरकर मुस्लिम तुष्टीकरण के सख्त विरोधी थे। उन्होंने तुष्टीकरण और इससे भारत का क्या हाल होगा इसको भी पहचाना था। उन्होंने जितनी भी भविष्यवाणी की, वह पूरी सही निकली। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में आज जो भी आपत्ति आ रही है, उसे आज से 70-80 साल पहले बता दिया था। इसमें चाहे पाकिस्तान समस्या हो, मुस्लिम तुष्टीकरण की बात हो या चीन के साथ संबंधों की। मैंने अपनी पुस्तक में स्पष्ट रूप से बताया है कि वीर सावरकर भारत के विभाजन को रोक सकते थे। इसलिए मैं कहता हूं कि अगर गांधी जी भारत के राष्ट्रीय पिता हैं तो वीर सावरकर भारतीय सुरक्षा के पितामह हैं।

मूल बात यह है कि वीर सावरकर मुस्लिम तुष्टीकरण के निंदक रहे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि मुस्लिम तुष्टीकरण बहुत घातक है। जो लोग भारत विभाजन के पोषक थे, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल के रहे हों, कट्टर इस्लामवादी हों, ईसाइयत के चोगेधारी हों या फिर कम्युनिस्ट। इन सभी का एक ही लक्ष्य था कि हिन्दुओं को विभाजित करो, मुस्लिमों का समर्थन लो और राज करो। ऐसे तत्वों के लिए सावरकर जी सबसे बड़ा खतरा थे, क्योंकि उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो दृष्टि है, अगर भावी पीढ़ी को उसका बोध हो जाता तो ऐसे तत्वों की तो दुकानें बंद हो जाएंगी। इसलिए ये सभी आज भी सावरकर को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं।

शिवाजी महाराज की नीति पर चलते थे सावरकर

मैंने सावरकर जी पर केंद्रित अपनी पुस्तक में ऐसे तथ्यों को बताने का प्रयास किया है जो बहुत से लोगों को पता नहीं हैं। वीर सावरकर ने अंग्रेजी सरकार को कुल मिलाकर 10 माफी पत्र लिखे थे। मैंने अपनी भी पुस्तक में इन माफी पत्रों का उल्लेख किया है तो दूसरी तरफ अंदमान के अंधेरे से निकली मराठी पुस्तक में भी इसका उल्लेख है। इसमें सावरकर जी अपने सह कैदियों को समझाते थे कि ‘हम कोई गांधी के भक्त थोड़े ही हैं। हम तो क्रांतिकारी हैं। हम शिवाजी के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं।

हमारा प्रयास होना चाहिए कि कुछ भी करके, इस जेल से बाहर निकलें। हमारा अभियान है अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का, जिसे फिर से पुनर्जीवित करें।’ सनद के लिए, छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में औरंगजेब को 5 माफी पत्र लिखे थे। उन 5 माफी पत्रों में तीन के बाद मुगलों और मराठों के बीच में संधि हुई थी। उन तीनों संधियों को शिवाजी महाराज ने तोड़ा था, क्योंकि उनका लक्ष्य था हिंदवी स्वराज की स्थापना करना। हिंदवी स्वराज की स्थापना के लिए उन्हें जो भी ठीक लगता था वे करते थे।

वीर सावरकर मुस्लिम तुष्टीकरण के निंदक रहे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि मुस्लिम तुष्टीकरण बहुत घातक है। जो लोग भारत विभाजन के पोषक थे, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल के रहे हों, कट्टर इस्लामवादी हों, ईसाइयत के चोगेधारी हों या फिर कम्युनिस्ट। इन सभी का एक ही लक्ष्य था कि हिन्दुओं को विभाजित करो, मुस्लिमों का समर्थन लो और राज करो। ऐसे तत्वों के लिए सावरकर जी सबसे बड़ा खतरा थे, क्योंकि उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो दृष्टि है, अगर भावी पीढ़ी को उसका बोध हो जाता तो ऐसे तत्वों की तो दुकानें बंद हो जाएंगी। इसलिए ये सभी आज भी सावरकर को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं।

वे मानते थे कि इस तरह के झूठे माफी पत्र लिखना बिल्कुल जायज है उन लोगों के लिए जिन्होंने हिन्दुओं पर भूतकाल में अनगिनत अत्याचार किये। इसलिए माफी पत्रों का कोई मुद्दा ही नहीं है। मुझे लगता है, राष्ट्रभावी विचार के एक तबके के लोगों को भी सावरकर जी के कृतित्व और व्यक्तित्व के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं है। मूल बात यह है कि वह दिगंबर बडगे थे, जिनके बयान से वीर सावकर जी को गांधी हत्या में आरोपित किया गया था, उसी का आधार लेकर पूरा मुकदमा चला।

हालांकि सावरकर जी बाद में बरी हुए।लेकिन उनके विरोधियों की ओर से लगातार गांधी हत्या का आरोप उन पर लगता रहा। लेकिन हकीकत ये है कि 1978 में प्रसिद्ध लेखक मनोहर मालगांवकर ने एक पुस्तक लिखी ‘द मैन हू किल्ड गांधी’। इस दौरान वह दिगंबर बडगे से मिले। इस दौरान दिगंबर बडगे ने कहा कि मैंने तत्कालीन सरकार के दबाव में आकर यह बयान दिया था। मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि गांधी हत्या में वीर सावरकर का हाथ था। इससे बड़ा और प्रमाण क्या हो सकता है? इसके बाद तो यह मामला बंद हो जाना चाहिए

Topics: गांधी जी की हत्याPartition of Indiaशिवाजी महाराज की नीतिShimla Conferenceहिन्दुओं को विभाजित करोभारत विभाजनPolicy of Muslim appeasementHindu MahasabhaVeer Savarkar ardent patriotमुस्लिम तुष्टीकरण की नीतिMuslim fundamentalismवीर सावरकर उत्कट राष्ट्र भक्तMuslim appeasement in Indiaहिन्दू महासभाPolicy of Shivaji Maharajशिमला कांफ्रेंसDivide Hindusमुस्लिम कट्टरवादहिन्दू-मुस्लिम के बीच दरारभारतवर्ष में मुस्लिम तुष्टीकरण
Share8TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

क्या कांग्रेस को वास्तव में गांधीजी की कोई चिंता थी ? किन बातों पर डालना चाहती है पर्दा ?

‘दिल्ली पैक्ट’ पर हस्ताक्षर करते हुए जवाहरलाल नेहरू और लियाकत अली (फाइल चित्र)

नेहरू लियाकत समझौता: ‘वक्त बता देगा उन्होंने हिन्दुओं से छल किया है’, श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जब दिया इस्तीफा

Malabar Mopla genocide

मालाबार मोपला मुस्लिमों द्वारा कत्लेआम, बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था“हिंदुओं का जीनोसाइड”: उसे नकार रहे कथित बुद्धिजीवी

Bangladesh Jamat E Islami cut a cow for indias hate

बांग्लादेश में कट्टरपंथ का उभार: भारत और पीएम मोदी के विरोध में जमात ए इस्लामी ने काटी गाय

Islamist attack Saraswati pooja vandalized idols in bangladesh

Bangladesh Saraswati puja: सरस्वती प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर कट्टरपंथियों का हमला, प्रतिमा तोड़ी, महिलाओं को पीटा

West Bengal teacher beaten by islamist on basant Panchmi

Basant Panchami: स्कूल में सरस्वती पूजा करना चाह रहे थे हिन्दू शिक्षक, मुस्लिम कट्टरपंथियों ने पीटा-गाली दी, WB की घटना

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies