भोपाल। मध्य प्रदेश और तेलंगाना से गिरफ्तार कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकी संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के 16 संदिग्ध आतंकियों के मामले की जांच मध्य प्रदेश सरकार ने आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) से लेकर एनआईए को सौंप दी है। इसके पीछे का जो बड़ा कारण बताया गया वह यह है कि एचयूटी के सदस्यों के तार अन्य राज्यों से जुड़े हैं। इसके साथ ही उनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का भी पता चला है। इसलिए अब इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी।
प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के मामले की जांच अब NIA करेगी। प्रदेश से पकड़े गए HuT के सदस्यों के तार अन्य राज्यों से जुड़े होने के साथ उनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का भी पता चला है। मध्यप्रदेश शांति का टापू है और कोई भी व्यक्ति या संस्था अशांति फैलाने की कोशिश करेगी तो उसको कुचल दिया जाएगा। इस पूरे मामले में अब केस डायरी एनआईए को सौंप दी गई है। एनआईए द्वारा ही जांच की जाएगी और भविष्य में इनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
नौ मई को एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने मध्य प्रदेश के भोपाल से 10 और छिंदवाड़ा से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया था। मध्य प्रदेश एटीएस तेलंगाना के हैदराबाद से भी पांच आरोपियों को पकड़कर लाई थी। ये सभी कट्टरपंथी और आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के लिए काम करते पाए गए। इन्हें भोपाल में न्यायालय में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने पुलिस द्वारा मांगी गई 19 मई तक के लिए रिमांड मंजूर की। उसके बाद जब 19 मई को इन सभी संदिग्ध आतंकियों को कोर्ट लाया गया तो इनमें से छह को न्यायालय ने न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया और शेष 10 के लिए पुन: एटीएस को रिमांड पर सौंप दिया था। इसके बाद आगे न्यायलय में इन सभी के पेश होने पर 24 मई को पुलिस ने इनकी रिमांड नहीं मांगी और फिर 10 सदस्यों को दो जून तक के लिए जेल भेज दिया गया। अब इस मामले में अगली सुनवाई दो जून को होनी है ।
16 देशों में लग चुका है प्रतिबंध
हिज्ब उत् तहरीर/ तहरीक-ए-खिलाफत संगठन का नेटवर्क 60 से अधिक देशों में फैला हुआ है। इस संगठन पर 16 देशों में प्रतिबंध लग चुका है। यह संगठन भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के स्थान पर इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है। इसके लिए संगठन ने मध्यप्रदेश में भी गुपचुप तरीके से अपना कैडर तैयार करना प्रारंभ कर दिया था। इसके सदस्यों का उदेश्य नवयुवकों को भारत की वर्तमान शासन प्रणाली इस्लाम विरोधी बताकर संगठन से जोड़ना था। संगठन के सदस्य लोगों को भड़काकर और हिंसक कार्रवाई कर खिलाफत कायम करना चाहते थे।
एटीएस ने इन्हें दबोचा था
मध्य प्रदेश एटीएस द्वारा हिज्ब उत् तहरीर संगठन पर कार्रवाई के दौरान जिन्हें पकड़ा, उनमें भोपाल से गिरफ्तार किए गए संगठन के सदस्यों में यासिर खान 29 वर्ष निवासी शाहजनाबाद भोपाल (जिम ट्रेनर), सैयद सामी रिजवी 32 वर्ष निवासी मेलेनियम हेबिटेट शहीद नगर, भोपाल (कोचिंग टीचर), शाहरूख निवासी जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल (दर्जी), मिस्बाह उल हक 29 वर्ष निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (मजदूरी), शाहिद निवासी जवाहर कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (ऑटो ड्राइवर), सैयद दानिश अली | निवासी सोनिया गांधी कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (सॉफ्टवेयर इंजीनियर), मेहराज अली 25 वर्ष निवासी मसूद भाई का मकान, ऐशबाग, भोपाल (कम्प्यूटर टेक्नीशियन), खालिद हुसैन 40 वर्ष निवासी बारेला गांव लालघाटी भोपाल, (टीचर और व्यवसायी), वसीम खान निवासी उमराव दूल्हा, ऐशबाग, भोपाल, मोहम्मद आलम 35 वर्ष निवासी नूरमहल रोड, चौकी इमामबाड़ा, भोपाल और करीम निवासी छिंदवाड़ा (प्रायवेट नौकरी) हैं जोकि आमजन के मध्य कार्य करते हुए संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। गिरफ्तार किए गए कट्टरपंथी संगठन से जुड़े सदस्यों से देशविरोधी दस्तावेज, तकनीकी उपकरण, कट्टरवादी साहित्य और अन्य सामग्री जब्त की गई है।
कैंप में दिया जाता था जिहादी साहित्य
सभी गिरफ्तार आरोपी गोपनीय रूप से जंगलों में जाकर क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे। उक्त प्रशिक्षण कैंप में हैदराबाद से आए संगठन के दक्ष प्रशिक्षक द्वारा कैंप में शामिल सदस्यों को ट्रेनिंग दी जाती थी गोपनीय रूप से दर्श (धार्मिक सभा) आयोजित कर भड़काऊ तकरीरें और जिहादी साहित्य का वितरण किया जाता था आरोपियों द्वारा ऐसे नवयुवकों की पहचान की जा रही थी, जो उग्र स्वभाव के हों और उन्हें संगठन के लिए अपनी जान देने में कोई हिचक ना हो। सभी आरोपी आपस में बातचीत करने के लिए डार्क वेब में प्रचलित विभिन्न कम्युनिकेशन ऐप जैसे ‘रॉकेट चैट’, ‘श्रीमा’ एवं अन्य ऐप का उपयोग करते थे, जिनका उपयोग अधिकतर आतंकी संगठन जैसे ‘आईएसआईएस द्वारा भी किया जाता है।
ड्रोन से करते थे रेकी
इस संगठन की साजिश ज्यादा से ज्यादा नवयुवकों को अपने संगठन से जोड़ने और उन्हें हिंदुओं के विरुद्ध जिहाद के लिए तैयार करना है। सदस्यों को संगठन के लिए चंदा एवं संसाधन एकत्रित करने के लिए कहा जाता था। इनकी बड़े शहरों एवं भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में बड़ी घटना को अंजाम देकर लोगों में भय पैदा करने की मंशा थी। इसके लिए संगठन के सदस्यों द्वारा भारत के बड़े शहरों को चिन्हित किया गया था। वे विभिन्न स्थानों पर ड्रोन से टारगेट और क्षेत्र की रेकी करते थे। रेकी के पश्चात क्षेत्र का नक्शा तैयार कर घटना घटित करने की योजना तैयार कर रहे थे।
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