पाकिस्तान में इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनकी पार्टी के नेता ऐसे खौफ में हैं कि एक एक कर पार्टी से भाग खड़े हो रहे हैं। वे भी जो कभी इमरान के बेहद करीबी होने का दम भरते थे। सबको गिरफ्तारी, यातना और सेना के बदला लेने का डर सता रहा है। खुद इमरान अदालतों के चक्कर काटने को मजबूर कर दिए गए हैं। परिस्थितियां साफ बता रही हैं कि इस्लामाबाद का नहीं, राज रावलपिंडी का चल रहा है यानी सेना की मनमर्जी चल रही है।
अब सरकार के ताजा फरमान के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सहित पीटीआई पार्टी के करीब 80 नेताओं पर सख्ती बढ़ा दी गई है और उनके देश से बाहर निकलने के रास्ते फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। दरअसल 9 मई को पाकिस्तान में पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने जो हिंसा और आगजनी मचाई थी उसके बाद से सेना के कथित इशारे पर इमरान खान की मुश्कें कसने के इंतजाम किए जा रहे हैं। खुद इमरान कई दफा कह चुके हैं कि उन्हें डर है कि ‘कहीं उन्हें मार न डाला जाए’। अब कुछ दिनों तक वे सुकून पाने के लिए पाकिस्तान से बाहर भी नहीं जा पाएंगे।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई पार्टी के अध्यक्ष इमरान ही नहीं बड़ी संख्या में उनके समर्थकों में बदहवासी साफ झलकती है। अब इमरान सहित इनमें से कइयों के नाम ‘नो फ्लाई’ सूची में जुड़ गए हैं। इतना ही नहीं, इमरान खान की बीवी बुशरा बीबी को भी देश से निकलने की इजाजत नहीं है।
सरकार के ताजा फरमान के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सहित पीटीआई पार्टी के करीब 80 नेताओं पर सख्ती बढ़ा दी गई है और उनके देश से बाहर निकलने के रास्ते फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। दरअसल 9 मई को पाकिस्तान में पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने जो हिंसा और आगजनी मचाई थी उसके बाद से सेना के कथित इशारे पर इमरान खान की मुश्कें कसने के इंतजाम किए जा रहे हैं।
यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि अभी कुछ ही दिन हुए हैं जब शाहबाज शरीफ की सरकार ने इमरान खान के सामने दो जगहों के विकल्प रखे थे कि या तो वे दुबई चले जाएं या लंदन। परन्तु अब ताजा फरमान ने तो उनके किसी भी देश में जाने के रास्ते बंद कर दिए हैं। इस्लामाबाद के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि सेना इमरान के संदर्भ में शायद कुछ योजना बना रही है।
इधर इमरान खान के पास सोशल मीडिया पर अपनी मजबूरी बयान करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। वे आएदिन ट्विटर पर अपना गुस्सा निकालते रहते हैं। अपने ताजा ट्वीट में वे सरकार पर अपनी पार्टी पीटीआई को बर्बाद करने का आरोप लगा रहे हैं। ट्वीट में उन्होंने लिखा है, “सीनियर लीडरों के साथ ही 10,000 से ज्यादा पीटीआई वर्करों और समर्थकों को जेल में डाल दिया है। पकड़े गए पीटीआई वर्करों के साथ बदसलूकी की जा रही है।”
पाकिस्तान में कई सूबों में सरकार ने धारा 245 लागू की है, इसके विरुद्ध इमरान खान ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है और इस कदम को परोक्ष मार्शल लॉ कहा है। उन्होंने एक बार फिर 9 मई को जो हिंसा हुई थी उसकी किसी आयोग से जांच कराने की अपनी मांग भी दोहराई है।
इमरान खान को संदेह है कि हिंसा की आड़ में उनकी पार्टी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उनके अनुसार, ”सरकार लोकतंत्र को कुचल कर लोगों के मन में खौफ पैदा करना चाह रही है लेकिन हमें गुलाम बनाने की उनकी यह कोशिश कामयाब नहीं हो पाएगी।”
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