नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बात पर विपक्ष अड़ा हुआ है। विपक्ष के नेता चाहते हैं कि उद्घाटन प्रधानमंत्री की जगह राष्ट्रपति के हाथों से हो। जिस समय नए संसद भवन का उद्घाटन होगा उस समय पूरी दुनिया की नजरें भारत पर होंगी। ऐसे में विपक्ष के नेताओं के कार्यक्रम में शामिल न होने से वैश्विक स्तर पर अच्छा संदेश नहीं जाएगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने विपक्ष की इस हरकत पर अपना रुख स्पष्ट किया है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि विपक्ष की इस हरकत से संवैधानिक मूल्यों का अपमान हो रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के 19 राजनीतिक दलों के निर्णय की स्पष्ट रूप से निंदा की। NDA के बयान में कहा गया कि यह केवल अपमानजनक नहीं है, यह हमारे महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है। वहीं, बीजू जनता दल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कार्यक्रम में हिस्सा लेगा।
समारोह का बहिष्कार करने वाली विपक्षी पार्टियों में से एक आम आदमी पार्टी को शिरोमणि अकाली दल बादल ने आइना दिखाते हुए इस पार्टी के राष्ट्रपति के प्रति सम्मान की पोल खोली है। शिरोमणि अकाली दल बादल के वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि जब पहली बार महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदू मुर्मु चंडीगढ़ पहुंचीं थी तो उस समय पंजाब में होते हुए भी मुख्यमंत्री भगवंत मान उनके स्वागत को नहीं पहुंचे थे।
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की हां में हां मिलाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार राष्ट्रपति का अपमान कर रही है। इस पर अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन सम्मान का अवसर है, इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान किस मुंह से उद्घाटन समारोह में न बुलाने पर राष्ट्रपति के सम्मान की बात कह रहे हैं।
जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पहली बार पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में एयरफोर्स के कार्यक्रम में आई थीं तो भगवंत मान उनका स्वागत करने ही नहीं गए थे। यही नहीं राष्ट्रपति जिस गवर्नर को नियुक्त करते हैं, उन्हें मुख्यमंत्री भगवंत मान कितना सम्मान देते हैं, यह भी जगजाहिर है। काबिलेगौर है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान कई बार पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को लेकर हल्की बयानबाजी कर चुके हैं।
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