यूपी में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही एक नई अथॉरिटी का गठन करेगी जो जलमार्ग के जरिए माल ढुलाई को और सुगम व सस्ता बनाने के लिए नीतियां तैयार करेगी। ये बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्लेज योजना के अंतर्गत निजी औद्योगिक पार्क के विकास के लिए चेक वितरण समारोह के दौरान कही। प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए समर्पित योगी सरकार ने उद्योगों को भूमि उपब्ध कराने के लिए प्लेज (प्रमोटिंग लीडरशिप एंड इंटरप्राइजेज फॉर डेवलपमेंट ऑफ ग्रोथ इंजन) योजना के तहत विकासकर्ताओं को धनराशि के प्रथम किस्त का वितरण किया है। इसमें अलीगढ़, सहारनपुर और कानुपर देहात में निजी औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1,689.98 लाख रुपए की प्रथम किस्त का प्रदान की है।
सीएम योगी ने कहा कि यूपी के बारे में आज से 6 साल पहले कहा जाता था कि यहां कुछ नहीं हो सकता है। आज वही प्रदेश देश के अंदर अपनी अभिनव योजनाओं के माध्यम से राज्य के पोटेंशियल को देश दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है। प्लेज योजना उसी श्रृंखला का हिस्सा है। यूपी अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश है। प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा इस प्रदेश पर रही है। जरूरत इस बात की है कि हम प्रतिस्पर्धा के अनुरूप अपने आप को तैयार कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई के रूप में सैकड़ों वर्षों की विरासत हमें धरोहर के रूप में मिली है। प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई यूनिट हैं। मगर समय के अनुरूप इन्हें प्रोत्साहन नहीं मिला। जिसके कारण लंबे समय तक हस्तशिल्पी पलायन करते रहे। डिजाइन, टेक्नोलॉजी, पैकेजिंग और प्रमोशन के अभाव में ये सेक्टर दम तोड़ रहा था। इसके बाद हमने ओडीओपी योजना को लांच किया जो आज देश में सर्वाधिक लोकप्रिय योजना है। इसके बाद हमने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना चलाई, जो यूनियन बजट का हिस्सा बनी और देशभर में इसे लागू करने के लिए कहा गया है। इसी प्रकार अन्य अनेक योजनाएं हैं जिसे यूपी सरकार चला रही है। हमने हमेशा इस बात को महसूस किया प्रदेश को अपनी बड़ी आबादी की आवश्यक्ताओं की पूर्ति के लिए निजी निवेश और परंपरागत उद्यम को प्रोत्साहित करना होगा। इसके लिए बाधा थी खराब कानून व्यवस्था। मगर आज प्रदेश की कानून व्यवस्था एक नजीर बन चुकी है। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बेहतरीन काम हुआ है। इंटरस्टेट कनेक्टिविटी फोरलेन हो चुकी है। जिस पूर्वांचल और बुंदेलखंड के पलायन से कभी पूरा देश चिंतित होता था, पश्चिमी यूपी बदहाल कानून व्यवस्था और असुरक्षा के खतरनाक मोड़ पर था। आज इन सभी जगह पर परिवर्तन दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक और बलिया लिंक एक्सप्रेस वे, लखनऊ और कानपुर ग्रीनफील्ड का कार्य तेजी से चल रहा है। इससे यूपी में औद्योगिक संभावनाओं को और रफ्तार मिलेगी।
सीएम योगी ने कहा कि आज वाराणसी से हल्दिया तक देश का पहला नेशनल वाटर-वे क्रियाशील है। प्रदेश सरकार जल्द ही एक नई अथॉरिटी का गठन करने जा रही है, जो यूपी में जलमार्गों के विकास के लिए तेजी के साथ काम करेगी। यूपी में वाटर ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने और माल ढुलाई को कैसे सुगम और सस्ता बनाया जाए, इसके लिए नीति बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश दुनिया के सभी बड़े उद्यमी लखनऊ आए और 35 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्रदेश को मिला है। जब ये निवेश धरातल पर उतरेगा तो एक करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। तब एमएसएमई ही इन बड़े उद्योग का आधार बनेंगे। साथ ही ये रोजगार सृजन का सबसे बड़ा माध्यम बनेंगे। मुझे याद है एमएसएमई सेक्टर ने कोविड काल में कितना बढ़िया काम किया था, जब 40 लाख श्रमिक प्रवासी वापस आए, जिन्हें एमएसएमई ने अपने साथ जोड़ लिया। यूपी अब पौने दो लाख करोड़ रुपये का एक्सर्पोर्ट हब बन चुका है।
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