भोपाल। हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) के 10 संदिग्ध आतंकियों को बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच भोपाल की एनआईए कोर्ट में न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल के समक्ष पेश किया गया। एटीएस ने रिमांड अवधि खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया था। रिमांड नहीं मांगने पर जज ने सभी संदिग्ध आतंकियों को दो जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इनसे अब तक की पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं।
भोपाल, छिंदवाड़ा और तेलंगाना से गिरफ्तार किए गए एचयूटी के 16 संदिग्ध आतंकियों को एटीएस ने 19 मई को कोर्ट में पेश किया था। एटीएस ने इनकी रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने 10 सदस्यों को 24 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा था और इनके छह साथियों को जेल भेज दिया था। जिसके बाद पुन: आज यानी कि 24 मई को इनकी रिमांड पूरी होने पर न्यायालय में पेश किया गया, जिन्हें दो जून तक के लिए जेल भेज दिया गया है।
मोहम्मद आलम के घर से मिलीं चार पिस्टल और 24 फोन
पिछले सप्ताह शनिवार को संदिग्ध आतंकी मोहम्मद आलम के नूरमहल रोड चौकी इमामबाड़ा के घर एटीएस की टीम अचानक पहुंची थी। आलम के अलावा घर के दूसरे सदस्यों के कमरे की तलाशी ली गई, जहां से चार पिस्टल, कारतूस के साथ बरामद किए गए। दीवार के अंदर पिस्टल छुपाकर रखी गई थीं। दीवार तोड़कर इन्हें निकाला गया था। इसके अलावा एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने 24 मोबाइल फोन भी जब्त किए थे।
नूपुर शर्मा बयान समेत अब तक मिले कई वीडियो
संदिग्ध आतंकियों के मोबाइल में जिस प्रकार के वीडियो मिले हैं। वे अपने आप में बहुत कुछ बता रहे हैं, इनमें नूपुर शर्मा के बयान से जुड़ा वीडियो, ओसामा बिन लादेन के कई वीडियो, जाकिर नाइक के वीडियो, ट्रेनिंग वीडियो, , उदयपुर में कन्हैया को मारने वाला वीडियो, रामनवमी के दौरान पत्थरबाजी के वीडियो, तफसीर-ए-जिहाद का वीडियो मौजूद हैं। बातचीत के करीब 50 से अधिक ऑडियो भी प्राप्त हुए हैं । जब्त किए गए मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा में पाए गए पाकिस्तानी फोन नंबर भी जांच के दायरे में हैं।
ब्रेन वॉश कर करा चुके कई लोगों का कन्वर्जन
हैदराबाद से गिरफ्तार आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के सरगना मोहम्मद सलीम को लेकर एक बड़ी जानकारी निकलकर ये भी सामने आई है कि उसने अपने परिवार में भी कन्वर्जन करवाया था। एक साल पहले सलीम ने अपने भांजे का ब्रेनवॉश कर उसे जैन से मुस्लिम बनाया था। हालांकि सलीम के पिता सेवानिवृत्त आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. अशोक जैन राजवैद्य ने एक साक्षात्कार में इस बात को स्वीकार तो किया किंतु साथ में यह भी जोड़ा था कि कुछ समय तक भांजे पर इस्लाम का प्रभाव दिखा था, किंतु मध्यप्रदेश शासन का जो धर्मांतरण विरोधी कानून बना उसके कारण से वह आगे इस्लाम में कन्वर्ट नहीं हुआ ।
यहां संगठन का सरगना मोहम्मद सलीम लगातार कन्वर्जन करा रहा था। वह हिंदू से मुसलमान बनाने के लिए तकरीरें करता था। इस बात का खुलासा वीडियो के जरिए हुआ है, जिसमें मोहम्मद सलीम (सौरभ) तकरीर के जरिए और कट्टर इस्लाम के भाषण देकर लोगों का ब्रेनवाश कराता हुआ दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही यह आतंकी कन्वर्टेड मुसलमानों को चरमपंथी बनाने के लिए लगातार काम कर रहा था। खुद का धर्म बदलकर इसने पत्नी को कन्वर्ट किया । उसने सात लोगों ने इस्लाम में कन्वर्ट किया । पांच महिलाएं भी धर्मांतरण में शामिल हैं। भोपाल का मूल रूप से रहने वाला होने के कारण उसे मध्य प्रदेश में इस संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी आतंकी संगठन एचयूटी की ओर से सौंपी गई थी ।
ये सभी कन्वर्जन में इस कदर लगे हुए थे कि इनमें मध्य प्रदेश में लागू राज्य सरकार के ”मप्र धार्मिक स्वतंत्रता नियम 2022” का कोई भय नहीं था । जबकि ऐसे कृत्य करने वाले और उसमें शामिल सहयोगियों और सहभागियों को 10 वर्ष तक की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा दिए जाने के प्रावधान इस कानून में किए गए हैं।
गजवा-ए-हिंद को साकार करना मकसद
पूछताछ में ये भी पता लगा है कि आतंकी गुट एचयूटी भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के स्थान पर इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है। भारत में गजवा-ए-हिंद को साकार करना इस संगठन का लक्ष्य है। इसके लिए ये अपने संगठन को मजबूत करने में लगे थे, स्वभाव से उग्र लोगों को जिन्हें इस्लाम के नाम पर भड़काना आसान हो सकता है, उनकी खोजकर अपने संगठन से जोड़ने का प्रयास इनका रहा और ये कई लोगों को अपने साथ जोड़ने में सफल भी हुए। पुलिस एवं जांच एजेंसियों की नजरों में न आ पाएं इसके लिए ‘रॉकेट चैट’, ‘श्रीमा’ जैसे ऐप का कम्युनिकेशन के लिए उपयोग करते थे।
ये भी हैं पुख्ता प्रमाण
आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के अधिकारी संदिग्ध आतंकियों से जो बातें उगलवाने में सफल रहे, उसमें अहम रूप से सामने आ चुका है कि कैसे ये सभी रायसेन जिले के जंगलों में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेते थे। इनके पास से मिले देश-विरोधी दस्तावेज, तकनीकी उपकरण, कट्टरवादी साहित्य और जब्त की गई अन्य सामग्री इनके आतंकवाद के रास्ते पर चलने का पुख्ता प्रमाण हैं।
कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय में लाए गए सभी संदिग्ध आतंकी
न्यायालय में सभी 10 संदिग्धों को मिनी बस से पेशी के लिए कोर्ट लाया गया था। कोर्ट में एचयूटी के जिन सदस्यों को लाया गया उनके नाम यासिर खान, शाविर रिजवी, खालिद हुसैन, दानिश अली, जुनैद, मोहम्मद हमीद, मोहम्मद आलम, सलीम, मोहम्मद अब्बास और अब्दुल रहमान है। इस दौरान कोर्ट में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम पहले से किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस थी । मीडिया इनके पास न पहुंच सके, इसकी सघन निगरानी की जा रही थी । आरोपितों के वकीलों के अलावा किसी को भी न्यायालय के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई। कोर्ट में संदिग्धों के परिजन भी आए, किंतु उन्हें बाहर ही रुकने को बोला गया । न्यायालय में पेशी के बाद ही इन्हें मिलवाया गया।
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