देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत आज उत्तराखंड के वन विभाग के मुखिया अनूप मलिक ने सभी डीएफओ के साथ वीसी के जरिए बैठक की।
उन्होंने सभी प्रभागों के द्वारा किए गए अवैध कब्जे हटाओ कार्यों की समीक्षा की और भविष्य की योजनाओं पर दिशा निर्देश दिए।
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी डा पराग मधुकर धकाते ने बताया की पीसीसीएफ ने सीएम धामी के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों से सभी डीएफओ, कंजरवेटर को अवगत कराते हुए कहा कि राज्य की चिन्हित 23 नदियों के किनारे वन और नदी श्रेणी की सरकारी भूमि पर लोग बाहर से आकर कब्जा कर रहे है उनका सत्यापन कर उन्हे यहां से हटाना होगा। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों की सूची बना कर उन्हे नोटिस दिया जाए और उनसे जवाब लिए जाए।
अनूप मलिक ने निर्देशित किया कि उत्तराखंड में 11861 हैक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा है जिन्हे चरणबद्ध तरीके से खाली करवाना है। अभी तक कुल 456 हेक्टेयर भूमि ही खाली हो पाई है।
उन्होंने ने बैठक में कहा कि देश में पहली बार इतना बड़ा अभियान और किसी राज्य में नही चला है। वन गुज्जरों को हटाने के मामले पर उन्होंने कहा कि जिन्हे पूर्व में बसने के लिए अनुमति दी गई है। उन्हे कोई छेड़ नही रहा और जो नए आ आ कर यहां अवैध रूप से बस रहे उन्हे यहां बसने या रुकने की इजाजत बिल्कुल नही दी जाएगी।
अनूप मलिक ने बताया कि सीएम धामी ने कहा है कि धर्म के नाम पर जमीन जिहाद नही होनें दिया जाए। फॉरेस्ट महकम्मा भीं इसी जिम्मेदारी से काम करे। उत्तराखंड में सत्तर फीसदी जंगल है और यहां लोगो द्वारा धर्म की आढ लेकर कब्जे करने के मामले सामने आए है। इस बारे में कुछ विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत भी लगती है। जिसकी उच्चस्तरीय जांच भी चल रही है।
पीसीसीएफ ने कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर सभी डीएफओ काम करे और नदियों किनारे से अपनी जमीन को मुक्त करवाएं।
इस दौरान पीसीसीएफ अनूप मलिक के साथ शासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी डा पराग मधुकर धकाते भी मौजूद रहे। जिन्होंने बैठक का संचालन किया और उनके द्वारा प्रभागों से आई जानकारियों की क्रमवार समीक्षा की।
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