ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया। जनपद न्यायाधीश वाराणसी ने ज्ञानवापी प्रकरण में सात मुकदमें जो कि एक ही प्रकृति हैं। विपक्षियों के आपत्ति के बाद सीपीसी के धारा-24 के द्वारा विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए समेकित करने का आदेश दिया। सात मामलों की सुनवाई अब एक ही अदालत में होगी। सोमवार को मामले की सुनवाई के बाद जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था। अधिवक्ता मदन मोहन ने बताया कि सभी सात केसों को क्लब कर दिया गया है। 7 जुलाई को अब अगली सुनवाई होगी।
चार महिला वादिनीयों सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ने ज्ञानवापी से जुड़े एक ही प्रकृति के सात मामलों की सुनवाई एक साथ करने की मांग की थी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने अन्य अदालतों में लंबित वादों को अपने यहां तलब किया था। सभी पक्षों का बयान दर्ज हो चुका है।
अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी व सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि सातों मुकदमे एक प्रकृति के हैं। सभी का एक ही आराजी नंबर है और सभी मुकदमों का उद्देश्य एक है। ऐसे में समय की बचत और कोर्ट की सुविधा को देखते हुए सभी सात मामलों की एक साथ सुनवाई किया जाना न्यायसंगत है।
सात प्रमुख वाद –
1- वाद नंबर- 840/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी श्री नंदी महाराज व सितेन्द चौधरी आदि
2- वाद नंबर- 839/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी लार्ड श्री आदि विशेश्वर, शीतला मंदिर महंत शिवप्रसाद पाण्डेय आदि
3- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का मुकदमा 2022 में सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी कोर्ट में है। ज्ञानवापी में कमीशन के सर्वेक्षण के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा का अधिकार मांगा गया।
4- वाद नंबर- 350/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी मां श्रृंगार गौरी, रंजना अग्निहोत्री आदि
5- वाद नंबर- 761/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी वादिनी साध्वी पूर्णम्बा व देवी शरदम्बा
6- वाद नंबर- 245/2021, माननीय न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी सत्यम त्रिपाठी आदि
7- वाद नंबर- 358/2021, मा. न्यायालय सिविल जज (सीडि), वाराणसी, वादी मां गंगा व सुरेश चौव्हांण आदि।
टिप्पणियाँ