वाराणसी। ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़ी दो याचिकाओं पर सोमवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। दोनों मामलों में अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि सात जुलाई नियत की। पूरे ज्ञानवापी स्थल की वैज्ञानिक तरीके से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने के आवेदन पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने आपत्ति भी दाखिल की। इस मामले में जिला जज की अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि सात जुलाई तय की है। दूसरा मामला श्रृंगार गौरी से जुड़े एक समान 7 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की मांग वाली याचिका रही। 17 अप्रैल को जिला कोर्ट के आदेश के बाद 6 सिविल कोर्ट और एक फास्ट ट्रैक कोर्ट से सभी 7 याचिकाओं को निकाल एक साथ जिला जज के सामने रखा गया।
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से संबंधित प्रार्थना पत्र नौ आवेदकों मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, रेखा पाठक, आदि महादेव धर्मालय मुक्ति न्यास परिषद के राम प्रसाद सिंह, शीतला मंदिर के महंत शिवनरायण पांडेय, रंजना अग्निहोत्री, शिशिर चतुर्वेदी और राकेश कुमार अग्रवाल की तरफ से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दाखिल किया है। प्रार्थना पत्र के जरिए आवेदकों ने ज्ञानवापी परिसर स्थित विवादित स्थल यानी आराजी नंबर 9130 के सर्वेक्षण की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने का अनुरोध किया है।
आवेदकों ने पिछले वर्ष कमीशन की कार्यवाही में ज्ञानवापी परिसर स्थित ढांचे के खम्भों पर संस्कृत के श्लोक, घंटियां, त्रिशूल व स्वास्तिक के चिह्न, श्रृंगार गौरी का विग्रह समेत हिंदू देवी-देवताओं व मंदिरों से जुड़े साक्ष्य का हवाला दिया है। और ज्ञानवापी सम्पूर्ण परिसर का जीपीआर तकनीकी या कार्बन डेटिंग से सर्वे कराने की मांग की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 12 मई को ज्ञानवापी के वुजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे का आदेश दिया था। लेकिन अब अगले आदेश तक इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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