भोपाल : महाराणा प्रताप देश के शौर्य के प्रतीक हैं। ”महाराणा प्रताप, नाम लेते ही श्रद्धा से शीश झुक जाता है। मैं मध्यप्रदेश की धरती से ऐसे शूरवीर के चरणों में शीश झुकाकर प्रणाम करता हूं।…मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप जी की शूरता और वीरता की कहानियां पढ़ाई जाएंगी। भोपाल में ‘महाराणा प्रताप लोक’ का निर्माण किया जाएगा। यह उनके त्याग, तपस्या, संघर्ष और बलिदान को श्रद्धांजलि होगी।” उक्त बातें महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर राजधानी भोपाल में महाराणा प्रताप जयंती आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहीं।
उन्होंने कहा कि स्मारक में महाराणा प्रताप के जीवन और कार्यों को चित्रित किया जाएगा। साथ ही उनके सात सहयोगियों भामाशाह, पुंजाभील, चेतक और अन्य के योगदान को भी चित्रित कर दर्शाया जाएगा। महाराणा प्रताप द्वारा अपनी संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्ष तथा जीवन मूल्यों पर अडिग रहने की उनकी क्षमता से आने वाली पीढ़ी अवगत हो सके और तदनुसार संस्कार ग्रहण कर सकें, इस उद्देश्य से महाराणा प्रताप लोक का निर्माण सार्थक होगा। प्रदेश में शालेय पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप के शौर्य और वीरता की कहानियां पढ़ाई जाएंगी, साथ ही महाराणा प्रताप कल्याण बोर्ड का गठन भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल के लाल परेड मैदान में( महाराणा प्रताप, महाराज छत्रसाल और महारानी पद्मावती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप जलाकर समारोह का शुभारंभ किया। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, महाराणा प्रताप के वंशज महाराज कुमार डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, प्रदेश के मंत्रीगण, जन-प्रतिनिधि, समाज के वरिष्ठजन और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का तलवार तथा रामदरबार भेंट कर स्वागत किया। समाज के वरिष्ठ जन और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों का साफा बांध कर सम्मान किया गया तथा समारोह के प्रतीक-चिन्ह के रूप में तलवार भेंट की गई।
महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व सभी के लिए प्रेरणादायी
शिवराज ने कहा कि महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व और कृतित्व हम सभी को प्रेरणा देता है। ईमानदारी और सच्चाई से समाज के सभी वर्गों की सेवा करना, प्रगति और विकास के रास्ते पर प्रदेश को अग्रसर करने की प्रेरणा भी हमें महाराणा प्रताप से मिलती है। महाराणा प्रताप शौर्य, स्वाभिमान और स्वतंत्रता के साथ वैभवशाली, गौरवशाली राष्ट्र के निर्माण के प्रतीक भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली, सम्पन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। विश्व के समृद्ध और शक्तिशाली देशों में भारत का मान-सम्मान बढ़ा है।
वीर पुरुषों के जन्म दिवस पर अवकाश देना, उनका ऋण उतारने का एक प्रयास मात्र
उन्होंने महाराज छत्रसाल बुंदेला को प्रणाम करते हुए कहा कि उनके संबंध में मान्यता थी कि “छत्ता तोरे राज में, धक-धक धरती होय- जित-जित घोड़ा मुख करे, तित-तित फतेह होए”। यह शूरवीरों की धरती है। ऐसे वीर पुरुषों के जन्म दिवस पर अवकाश देना, उनका ऋण उतारने का एक प्रयास मात्र है। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप की प्रतिबद्धता का स्मरण करते हुए कहा कि यह मेरा प्रण है कि जो भी लोग हमारे देश और प्रदेश के हितों से खिलवाड़ करेंगे वह छोड़े नहीं जाएंगे। आतंकवादियों को समाप्त करना हमारा धर्म है।
हल्दी घाटी की मिट्टी लेकर भोपाल आए महाराणा प्रताप के वंशज, अभिभूत हुए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री को महाराणा प्रताप के वंशज डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने हल्दी घाटी की मिट्टी भेंट कर अभिवादन किया। उनके द्वारा हल्दी घाटी की मिट्टी भेंट करने से अभिभूत मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरे जीवन की अमूल्य निधि है। हल्दी घाटी की मिट्टी से पवित्र कुछ भी नहीं है, यह भारत के शौर्य और वीरता की प्रतीक है। इस माटी का मान सम्मान और शान कभी जाने नहीं दूंगा। यह माटी सदैव महाराणा प्रताप के शौर्य की याद दिलाएगी और सही दिशा में कार्य के लिए निरंतर प्रेरित करती रहेगी।
केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने महाराणा प्रताप की जयंती पर अवकाश और भोपाल में महारानी पद्मावती की मूर्ति स्थापित कर ऐतिहासिक कार्य किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी अधिकांश घोषणाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है, जो उनकी बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री चौहान कर रहे हैं भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित
डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री चौहान भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित कर रहे हैं। वे महाराणा प्रताप जी के आदर्शों पर चलकर प्रदेश का विकास कर रहे हैं। उन्होंने महाराणा प्रताप जी की जयंती पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर यह संदेश दिया है कि हम सब उन्हें याद करें और उनके शौर्य, बलिदान, देश प्रेम और जीवन मूल्यों से प्रेरणा प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य करें।
महाराणा प्रताप और महाराजा छत्रसाल की शौर्य गाथा की संगीतमय प्रस्तुति
कार्यक्रम में महाराणा प्रताप और महाराज छत्रसाल की शौर्यगाथा की संगीतमय प्रस्तुति दी गई, जिसे उपस्थित जन समुदाय द्वारा सराहा गया। पूरा वातावरण वीर रस से ओतप्रोत हो गया। महाराणा प्रताप की जय, महाराज छत्रसाल की जय के नारों से पांडाल गूंज उठा।
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