मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में शुक्रवार को जनता भवन (असम सचिवालय) में कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। कैबिनेट ने प्री-प्राइमरी और प्राथमिक शिक्षा अब मातृभाषा में दी जाएगी।
कैबिनेट की बैठक के फैसले को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू और मंत्री पीयूष हजारिका ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मंत्रिमंडल ने प्री-प्राथमिक और प्राथमिक शिक्षा अब से मातृभाषा में देने का निर्णय लिया गया है। इससे संथाली समुदाय के लोग संथाली भाषा और अलसिकी लिपि में संथाली भाषा में शिक्षा ले सकते हैं। इसके साथ ही माइक्रोफाइनेंस के मामले में जिन लोगों पर 25 हजार रुपये का कर्ज था, उन्हें तीसरे चरण में लिया जाएगा। उनका कर्ज चुकाया जाएगा। पहले चरण में 1,600 करोड़ रुपये, दूसरे चरण में 190 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
मंत्री द्वय ने बताया कि तिनसुकिया में उपायुक्तों के पांचवें सम्मेलन में लिए गए निर्णयों को आज की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। डिविजनल कमिश्नर अब नहीं रहेंगे। कैग के प्रमुख सचिव अब से इस व्यवस्था को संचालित करेंगे। इसके साथ ही अन्य कई निर्णयों के बारे में मंत्रियों ने जानकारी साझा की।
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