भोपाल । विकास की धारा अविरल बहे, किंतु सांस्कृतिक उत्थान भी साथ में हो, संस्कृति के प्राचीन चिह्न विध्वंस न किए जाएं । यह आश्वासन लेने जब मध्यप्रदेश में संत समाज विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने गया तो उन्हें आवश्यकता से अधिक का भरोसा राज्य के मुख्यमंत्री की ओर से मिला, जिससे वे अभिभूत हैं। अब मध्य प्रदेश में सांस्कृतिक परम्पराओं के केंद्रों का उत्थान भी होगा और पुराने जो मठ-मंदिर हैं उन्हें भी विकास के नाम पर उजाड़ा नहीं जाएगा।
सनातन संस्कृति के संरक्षण में राज्य सरकार का मिलेगा भरपूर सहयोग – सीएम शिवराज
अखिल भारतीय संत समिति के पदाधिकारियों और विश्व हिन्दू परिषद को सीएम शिवराज ने यह विश्वास दिलाया है कि राज्य में सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। संतों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री शिवराज के सामने अनेक समस्याएं रखने के साथ उन तमाम चुनौतियों का जिक्र किया था जोकि प्रदेश भर में आज मठ, मंदिर और पुजारियों के सामने संकट के रूप में खड़ी हैं।
नर्मदा क्षेत्र के संरक्षण समेत अमरकंटक का विशेष विकास होगा
प्रदेश के ज्यादातर संतों का मानना है कि न उन्हें बराबरी का अधिकार ही मिल रहा है और न ही उनके आदर्श प्रतिमानों को लेकर शासन उतना गंभीर दिखता है, जितना कि वे अपेक्षा करते हैं। लेकिन अब मध्य प्रदेश में नर्मदा क्षेत्र के संरक्षण समेत अमरकंटक का विशेष विकास राज्य सरकार की अब प्राथमिकता होगी। यहां विकास के नाम पर उन मंदिरों को नहीं तोड़ा जाएगा, जोकि कहीं आधुनिक विकास के लिए रोड़ा बन सकते हैं, बल्कि उन्हें इस तरह से संरक्षित किया जाएगा कि विकास स्वयं में एक श्रेष्ठ नवाचार के रूप में शासन की उपलब्धि बन जाए। इसी प्रकार के पुजारियों की आजीविका को लेकर भी मुख्यमंत्री शिवराज ने बहुत ही सकारात्मक संकेत दिया है।
संतों ने पुजारियों के लिए की विशेष आर्थिक सहयोग की मांग
इस संदर्भ में विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय सहमंत्री राजेश तिवारी ने स्वीकार्य किया कि वे हाल ही में अखिल भारतीय संत समिति के प्रतिनिधि-मंडल के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके निज निवास पर गए थे, जहां संतों ने अपनी अनेक मांगों से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सीएम की ओर से जिस तरह की बातचीत हुई है, वह संपूर्ण हिन्दू समाज एवं सनातन धर्म के कल्याण की कारक बनेगी, ऐसा मुझे लगता है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री महामंडलेश्वर श्री श्री 108 राधे राधे बाबा ने मुख्यमंत्री से कहा कि सनातन की धर्म ध्वजा को घर-घर फहरानेवाले पुजारी आज आर्थिक रूप से सबसे विपन्न दिखे जा सकते हैं, ऐसे में उन्हें भी शासन की ओर से पट्टे दिए जाने चाहिए। जब मुआवजा खेती के संबंध में फसल के नुकसान पर दिया जाता है, तब उससे मंदिर की जमीन को अलग कर छोड़ दिया जाता है, यह ठीक व्यवस्था नहीं, इसमें परिवर्तन होना चाहिए। मंदिर की जमीन और उससे जुड़े पुजारी को भी खेती के नुकसान पर मुआवजा दिए जाने का प्रावधान राज्य शासन की ओर से किया जाना चाहिए ।
मंदिरों में मिले पुजारियों एवं सेवादारों को अधिकार
विहिप के केंद्रीय सहमंत्री राजेश तिवारी बताते हैं कि इस मुलाकात में संतों ने मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी कि बड़े मंदिरों का संपूर्ण अधिग्रहण राज्य शासन कर लेता है, इसमें सुधार हो, मंदिर से जुड़ी समिति एवं पुजारियों को भी उसका कुछ अधिकार मिलना चाहिए।
प्रदेश में गौ संरक्षण के लिए हों यह कार्य
इसी प्रकार से प्रदेश में गौ संरक्षण के लिए जगह-जगह भूमि चिन्हित की जाए, वहां उनके रख रखाव की समुचित व्यवस्था हो और हर गौशाला को आर्थिक आत्मनिर्भरता से जोड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर शासन की मदद से कुछ सकारात्मक कार्य खड़े किए जाएं। यदि इसकी कोई योजना शासन ने बनाई भी है तो वह हर गौशाला तक पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज से संतों ने यह भी मांग की कि प्रदेश में गौउत्पाद को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर पर वृहद योजना बने। सरकार गौ-नीति अतिशीघ्र लेकर आए। यह नीति ऐसी हो जिसमें गौशालाओं के उत्पाद जैसे गोमूत्र से बनी चीजें, काष्ठ, गोबर से बनी खाद एवं अन्य सामग्री, फिनाइल की तरह उपयोग होने वाला गोनायल, गौकाष्ठ से बना सजावटी सामान इत्यादि सरकार के विभिन्न विभाग, निगम, मंडल एवं स्थानीय निकाय खरीदें।
मठ-मंदिरों से हटे अवैध अतिक्रमण
विहिप के केंद्रीय पदाधिकारी राजेश तिवारी कहते हैं कि संतों ने मांग रखी है कि गौशालाओं को बिजली बिल के भुगतान में छूट मिले, गौशाला को प्रति गाय दिया जाने वाले अनुदान को आज के महंगाई के समय में बढ़ाने पर भी विचार किया जाना चाहिए। क्योंकि अभी जो राज्य सरकार की तरफ से प्रति गाय हर दिन 20 रुपये अनुदान के रूप में दिए जा रहे हैं वह बहुत कम राशि है । साथ ही संतों में अवैध अतिक्रमण जोकि कई लोगों द्वारा मठ, मंदिरों में किया गया है, उन्हें हटाने की मांग एवं शासन का इसमें पूरा सहयोग मिले इसकी मांग भी मुख्यमंत्री शिवराज से की है।
विहिप के राष्ट्रीय पदाधिकारी राजेश तिवारी कहते हैं कि इन सभी मांगों को अतिशीघ्र पूरा करने का आश्वासन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से संत समाज को मिला है, इससे सभी में हर्ष व्याप्त है। अब संत समाज उम्मीद कर रहा है कि इन सभी समस्याओं का हल शासन के सहयोग से अतिशीघ्र निकाल लिया जाएगा।
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