बीजिंग से एक हैरान करने वाली खबर आई है। यहां की एक हास्य कार्यक्रम आयोजित करने वाली कंपनी कम्युनिस्ट सरकार के शिंकजे में फंस गई है। इस कंपनी ने चीन की सेना पीएलए यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तुलना आवारा कुत्तों से की थी। इस बात से चीन सरकार इतनी आग—बबूला हुई है कि कंपनी पर एक मोटा जुर्माना लगा दिया गया है।
बीजिंग में कॉमेडी इवेंट आयोजित करने वाली ये कंपनी है शियाओगुओ कल्चर मीडिया। इसने गत सप्ताह बीजिंग में दो इवेंट आयोजित किए थे। इसके एक कार्यक्रम में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को आवारा कुत्तों जैसा कहा गया था। इससे न सिर्फ कार्यक्रम में मौजूद दर्शक बगलें झांकने लगे थे बल्कि सरकार के भी कान खड़े हो गए थे। चीन के प्रशासनिक अधिकारियों ने इस कंपनी पर कार्रवाई करते हुए उस पर लगभग 1,650 करोड़ रुपये का जुर्माना जड़ दिया है।अभी दो दिन पहले ही कंपनी को यह जुर्माना भरने और आगे से ऐसा न करने की नसीहत दी गई है। साफ है कि कम्युनिस्ट चीन की सरकार सेना पर किए गए इस मजाक को हल्के में नहीं ले रही है।
बीजिंग संस्कृति और पर्यटन ब्यूरो का कहना था कि किसी भी कंपनी या इंसान को पीएलए पर कीचड़ उछालने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही ब्यूरो ने शंघाई स्थित शियाओगुओ कल्चर मीडिया के अनुबंधित तमाम कार्यक्रमों को अनिश्चितकाल तक के लिए रोक दिया है। इसके साथ ही, ब्यूरो ने इस कड़ी कार्रवाई के तहत कंपनी की लगभग 180,000 डॉलर की राशि जब्त कर ली है।
उल्लेखनीय है कि इस कंपनी ने बीजिंग में बीते दिनों जो दो लाइव इवेंट आयोजित किए थे, उनमें वहां के चर्चित हास्य कलाकार ली हाओशी ने अपनी प्रस्तुति दी थी। इसी प्रस्तुति में चीन की लाल सेना का इस तरह का मजाक उड़ाया गया था। प्रस्तुति में दृश्यों के माध्यम से दिखाया गया था कि दो पालतू बनाए आवारा कुत्ते एक गिलहरी का पीछा कर रहे हैं। उन्होंने उसके साथ ऐसी बर्बरता दिखाई कि जिससे चीन में एक जाने—माने फौजी नारे की तरफ ध्यान दिलाया गया। इस नारे का मतलब है—ऐसा बर्ताव बनाए रखें, जिसका अनुकरण किया जा सके। लड़ना चाहिए तो बस जीतने के लिए।
इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए बीजिंग संस्कृति और पर्यटन ब्यूरो का कहना था कि किसी भी कंपनी या इंसान को पीएलए पर कीचड़ उछालने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही ब्यूरो ने शंघाई स्थित शियाओगुओ कल्चर मीडिया के अनुबंधित तमाम कार्यक्रमों को अनिश्चितकाल तक के लिए रोक दिया है। इसके साथ ही, ब्यूरो ने इस कड़ी कार्रवाई के तहत कंपनी की लगभग 180,000 डॉलर की राशि जब्त कर ली है।
दिलचस्प बात है कि हास्य कार्यक्रमों को आयोजित करने वाली इस ईवेंट कंपनी के विरुद्ध इस सख्त कार्रवाई को लेकर बड़ी संख्या में चीनी नागरिक सरकार के विरुद्ध मुखर हो रहे हैं। इन गुस्साए लोगों का कहना है कि चीन की सरकार चाहती है, सब उसके आगे सिर झुकाएं, यह गलत है। लेकिन वहीं काफी संख्या ऐसे चीनियों की भी है जो कह रहे हैं कि चीन की सेना का मजाक उड़ाना गलत है। कइयों ने तो हास्य कलाकार ली हाओशी की भी भर्त्सना कर रहे हैं। लेकिन इस घटना में कुल मिलाकर महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन की सत्ता सेना को किसी भी रूप में अपमानित करने की हरकत बर्दाश्त नहीं करती है।
टिप्पणियाँ