वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेटिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट के साइंटिफिक और कॉर्बन डेटिंग कराए जाने के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना है। इसी बीच ज्ञानवापी मामले में मुकदमे से जुड़े लोगों द्वारा आदि विशेश्वर मंदिर का मॉडल तैयार करवाया गया है। दावा किया गया है कि औरंगजेब द्वारा तोड़े जाने से पहले ज्ञानवापी परिसर में स्थित आदि विशेश्वर का मंदिर ऐसा ही दिखता था।
ज्ञानवापी मुकदमे से जुड़े डॉ रामप्रसाद सिंह ने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर का मंदिर 128 फीट ऊंचा और 136 फीट चौड़ा था। तीन मंजिला इमारत में आठ फीट ऊंचा शिखर था। मंदिर में आठ मंडप भी थे। काफी शोध के बाद लकड़ी के मॉडल को बनाया गया है। डॉ सिंह ने बताया कि वह वंदे भारत अखबार भी निकाला करते थे। उसी समय उन्होंने आदि विशेश्वर मंदिर को लेकर काफी अध्यन किया और दस्तावेजों को इकठ्ठा करना शुरू किया था। मंदिर तोड़े जाने से पहले कितना भव्य था, मॉडल से पता चलता है। मंदिर के पश्चिम दिशा में स्थित श्रृंगार मंडप पर प्रवेश द्वार था।
वर्ष 1669 से पूर्व ज्ञानवापी में भव्य मंदिर मौजूद था। इसका उल्लेख तमाम धार्मिक और ऐतिहासिक पुस्तकों में भी मिलता है। मॉडल को पांडेयपुर निवासी अमर अग्रवाल ने तैयार किया है। डॉ. सिंह का कहना है कि भव्य मंदिर का उल्लेख तमाम धार्मिक और ऐतिहासिक पुस्तकों में भी मिलता है। बनारस के इतिहास को बताने वाले इतिहासकार एएस अल्टेकर व जेम्स प्रिंसेप ने आदि विश्वेश्वर मंदिर के बारे में जानकारी दी है। प्रिंसेप ने तो उसका नक्शा भी तैयार किया था। तमाम पुस्तकों के अध्ययन और नक्शों के आधार पर मंदिर का मॉडल तैयार कराया गया।
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