नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित जनगणना पर पटना हाई कोर्ट के अंतरिम रोक के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि पटना हाई कोर्ट 3 जुलाई को सुनवाई करने वाली है, इसलिए अभी इस याचिका पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं है। कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा कि अगर हाई कोर्ट सुनवाई नहीं करती है तो सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई को सुनवाई करेगा।
17 मई को जस्टिस संजय करोल ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह इस रोक को हटाए या हाई कोर्ट को जल्द सुनवाई का निर्देश दे। पटना हाई कोर्ट ने 4 मई को सर्वे को प्रथम दृष्टया असंवैधानिक मानते हुए अंतरिम रोक लगाई है और 3 जुलाई को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया। उसके बाद बिहार सरकार ने 9 मई को हाई कोर्ट से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि इस केस की जल्द सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है, अगली सुनवाई पहले से तय तारीख 3 जुलाई को ही होगी। तब तक जाति आधारित सर्वे नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट बिहार में जाति आधारित सर्वे को चुनौती देने वाली याचिकाएं पहले खारिज कर चुका है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि अगर जाति आधारित जनगणना पर रोक लगाई गई तो सरकार यह कैसे निर्धारित करेगी कि आरक्षण कैसे प्रदान किया जाए ।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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