नई दिल्ली। मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के वैज्ञानिक परीक्षण (साइंटिफिक सर्वे) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की है। यानी कल सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे का आदेश पिछले दिनों दिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी, वाराणसी परिसर में सर्वे के दौनरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच व साइंटिफिक सर्वे का आदेश भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआइ) को दिया था। यह भी कहा था कि शिवलिंग को कोई क्षति न पहुंचे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थानीय अदालत का आदेश रद करते हुए ये फैसला सुनाया था।
ज्ञानवापी परिसर में 16 मई 2022 की कमीशन कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे एएसआई से कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल वाद जिला अदालत वाराणसी ने खारिज किया था। जिला जज ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रही है। ऐसे में सिविल कोर्ट को आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है।
जिला जज वाराणसी के 14 अक्टूबर 2022 के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से यह सिविल रिवीजन दाखिल की गई। कोर्ट ने इसे दोनों पक्षों की बहस के बाद स्वीकार कर लिया।
हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर को ध्वस्त करके गुंबद बना कर मस्जिद बना दी गई थी। परिसर के अंदर दीवारों पर हिन्दू धर्म से जुड़े तमाम चिन्ह मिले हैं। परिसर का सर्वे होने पर सच्चाई दुनिया के सामने आ जाएगी। 16 मई 2022 में सर्वे का कार्य पूरा हुआ था। सच उसी समय बाहर आने लगा था। सर्वे के दौरान परिसर के अंदर स्वास्तिक, डमरू, कमल और त्रिशूल के निशान मिले थे। कई स्थानों पर पेंट करके छिपाने की कोशिश की गई है।
टिप्पणियाँ