मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के अनुसार, ‘‘कट्टरवादी गुट हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े संदिग्धों को भोपाल और हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है। रिमांड पर लेकर इन सबसे पूछताछ की जा रही है।’’ उन्होंने यह भी कहा है कि इन सभी की मदद कौन कर रहा है, ये लोग और क्या करते हैं आदि की जांच गंभीरता से की जा रही है।
भारत में इस्लामिक आतंकवादी किस तरह से जिहाद के रास्ते पर चलकर गैर-मुसलमान, विशेषकर हिंदुओं को लक्षित कर हिंसा कर रहे हैं, इसके एक के बाद एक कई मामले सामने आ चुके हैं। ये लोग विदेशी पैसे के दम पर और मुस्लिम युवाओं को भड़काकर भारत को इस्लामिक देश बना देने का सपना देख रहे हैं। लेकिन देश की गुप्तचर संस्थाओं की सक्रियता, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की प्रतिबद्धता और आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) की ताबड़तोड़ कार्रवाई से इनकी हर साजिश विफल होती दिख रही है।
इसी तरह की एक कार्रवाई मध्य प्रदेश में हुई है।
मध्य प्रदेश के एटीएस ने एक बार फिर से जिहादी मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया है। बता दें कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश एटीएस के प्रमुख आदर्श कटियार और उनकी टीम ने मध्य प्रदेश के अनेक स्थानों पर छापेमारी कर हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के 11 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।
‘कट्टरवादी गुट हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े संदिग्धों को भोपाल और हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है। रिमांड पर लेकर इन सबसे पूछताछ की जा रही है।’
– डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मध्य प्रदेश, गृहमंत्री
भोपाल के शाहजहांनाबाद से जिम ट्रेनर यासिर खान, शहीद नगर से कोचिंग संचालक सैयद सामी रिजवी, जवाहर कॉलोनी, ऐशबाग से दर्जी शाहरुख, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग से मजदूर मिस्बाह उल हक, जवाहर कॉलोनी, ऐशबाग से ऑटो चालक शाहिद, सोनिया गांधी कॉलोनी, ऐशबाग से सॉफ्टवेयर इंजीनियर सैयद दानिश अली, ऐशबाग से कंप्यूटर टेक्नीशियन मेहराज अली, बारेला गांव (लालघाटी) से शिक्षक और व्यवसायी खालिद हुसैन, उमराव दूल्हा (ऐशबाग) से वसीम खान, नूरमहल रोड, चौकी इमामबाड़ा से मोहम्मद आलम और छिंदवाड़ा से करीम को गिरफ्तार किया गया है।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के अनुसार, ‘‘कट्टरवादी गुट हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े संदिग्धों को भोपाल और हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है। रिमांड पर लेकर इन सबसे पूछताछ की जा रही है।’’ उन्होंने यह भी कहा है कि इन सभी की मदद कौन कर रहा है, ये लोग और क्या करते हैं आदि की जांच गंभीरता से की जा रही है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा का यह भी कहना है कि ये लोग रायसेन जिले के जंगलों में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेते थे।
आपको बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों की बैठक में कहा था कि राज्य में कट्टरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंंने यह भी कहा था, ‘‘राज्य में अवैध रूप से चल रहे उन मदरसों और संस्थानों की समीक्षा की जाएगी, जहां कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है।’’ माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद राज्य में सुरक्षा बल जिहादी तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कर रहे हैं।
एटीएस की यह कार्रवाई उन तमाम सेकुलरों के मुंह पर भी एक तमाचा है, जो इस्लामिक आतंक एवं लव जिहाद को केंद्र में रखकर बनाई गई फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को झूठा करार देकर उसका विरोध कर रहे हैं।
पता चला है कि ये संदिग्ध आतंकवादी राज्य के जंगलों का इस्तेमाल राइफल चलाने के प्रशिक्षण के लिए कर रहे थे। इनके पास से मिले देश-विरोधी दस्तावेज, तकनीकी उपकरण, कट्टरवादी साहित्य और जब्त की गई अन्य सामग्री इनके आतंकवाद के रास्ते पर चलने का पुख्ता प्रमाण दे रहे हैं।
गजवा-ए-हिंद का सपना
बता दें कि आतंकी गुट एचयूटी भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के स्थान पर इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है। कहा जा रहा है कि इस संगठन ने दुनिया के 60 देशों में अपना संजाल खड़ा कर लिया है। इसका सपना है भारत में गजवा-ए-हिंद को साकार करना। सीधे शब्दों में कहें तो युद्ध के जरिए भारत में इस्लामिक राज्य की स्थापना करना।
सबसे बड़ी कार्रवाई
माना जा रहा है कि इस गुट के विरुद्ध अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। भोपाल से 10 और छिंदवाड़ा जिले से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है। मध्य प्रदेश पुलिस ने इन सभी के विरुद्ध यूएपीए (गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) एक्ट, 1967) एवं अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
भर्ती और तैयारी
सभी गिरफ्तार संदिग्ध गोपनीय रूप से जंगलों में जाकर ‘क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप’आयोजित कर हथियार चलाने का अभ्यास करते थे। कहा जा रहा है कि इन्हें प्रशिक्षण देने के लिए हैदराबाद से लोग आते थे। ये लोग जगह-जगह भड़काऊ तकरीरें देकर और लोगों को जिहादी साहित्य के जरिए कट्टरवादी बनाते थे। ये लोग ऐसे युवाओं की तलाश भी करते थे, जो उग्र स्वभाव के हों और जिन्हें संगठन के लिए अपनी जान देने में कोई हिचक न हो। सभी आरोपी आपस में बातचीत करने के लिए डार्क वेब में प्रचलित विभिन्न कम्युनिकेशन ऐप जैसे ‘रॉकेट चैट’, ‘श्रीमा’ एवं अन्य ऐप का उपयोग करते थे, जिनका उपयोग अधिकतर आतंकी गुट करते हैं।
16 देशों में प्रतिबंध
कहा जा रहा है कि हिज्ब उत तहरीर अथवा तहरीक-ए-खिलाफत संगठन का नेटवर्क 60 से अधिक देशों में फैला हुआ है। इस गुट पर 16 देशों में प्रतिबंध लग चुका है। यह गुट भारत में इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है। इसके लिए संगठन ने मध्य प्रदेश में भी गुपचुप तरीके से अपने गुर्गे तैयार करना प्रारंभ कर दिया था। उम्मीद है कि सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई से मध्य प्रदेश में जिहादी तत्वों की कमर टूटेगी और राज्य में शांति बनी रहेगी।
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