झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण जनसंख्या पर प्रभाव को लेकर डेनियल दानिश की जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले में हाई कोर्ट ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
कोर्ट ने गृह मंत्रालय से पूछा है कि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए कैसे प्रवेश कर रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए आ रहे हैं। इससे इन जिलों में जनसंख्या पर कुप्रभाव पड़ रहा है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसा स्थापित किया जा रहा है। साथ ही स्थानीय ट्राइबल के साथ वैवाहिक संबंध बनाया जा रहा है।
रांची हिंसा मामले में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करे सरकार : हाई कोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट ने बुधवार को गत वर्ष रांची में 10 जून को हुई हिंसा मामले पर राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता को भी कहा है कि वह अगर राज्य सरकार के जवाब पर प्रति उत्तर देना चाहते हैं तो भी दे सकते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि 10 जून हिंसा मामले में कुछ केस को सीआईडी को क्यों सौंपा गया? कोर्ट ने मामले की सुनवाई 21 जून निर्धारित की है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान राज्य के गृह सचिव, डीजीपी, रांची एसएसपी, डीजी सीआईडी कोर्ट में उपस्थित हुए। अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि मामले में जांच जारी है, जिस पर कोर्ट ने इन सभी अधिकारियों की अगली सुनवाई में उपस्थिति से छूट प्रदान की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की।
रांची हिंसा मामले में दायर पंकज यादव की जनहित याचिका में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारूकी समेत रांची उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआईए, ईडी को प्रतिवादी बनाया है। अदालत से मामले की एनआईए जांच कराकर झारखंड संपत्ति विनाश और क्षति निवारण विधेयक 2016 के अनुसार आरोपियों के घर को तोड़ने का आदेश देने का आग्रह किया है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ