पूर्व मेदिनीपुर जिला अंतर्गत एगरा के खादीकुल इलाके में एक अवैध पटाखा कारखाने में विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। पांच अन्य लोगों की हालत गंभीर है। जिला प्रशासन के एक सूत्र ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि दोपहर के समय ब्लास्ट की घटना के तुरंत बाद जिला पुलिस अधीक्षक अमरनाथ के ने बताया था कि तीन लोगों की मौत हुई है। चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोपहर के समय अचानक तेज विस्फोट की आवाज स्थानीय लोगों ने सुनी। उसके बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने देखा की फैक्ट्री की छत उड़ गई है और तीन लोगों के शव कई टुकड़ों में बंटकर सड़क के पास छिटके पड़े थे। अन्य लोग झुलसी हुई हालत में कराह रहे थे। सूचना मिलने के तुरंत बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने तीन शवों सहित सभी को उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया।
इधर, एगरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल को घेर दिया गया है। विस्फोट के बाद पटाखा कारखाने में लगी आग को बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंची। फैक्टरी में लगी आग फैल कर एक झोपड़ी में भी लग गई थी, जिसे काबू कर लिया गया है।
यहां पटाखे का निर्माण कैसे किया जा रहा था और पुलिस क्या कर रही थी, इस बारे में सवाल खड़े हो रहे हैं। कारखाना मालिकों की तलाश भी तेज कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर में कांथी के भगवानपुर दो नंबर ब्लॉक के भूपति नगर थाना अंतर्गत अर्जुननगर ग्राम पंचायत क्षेत्र के भी एक पटाखा कारखाने में इसी तरह विस्फोट हुआ था। उसमें एक तृणमूल नेता सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी। दक्षिण 24 परगना में भी ऐसी घटनाएं अमूमन होती रहती हैं।
50 हजार रुपए हर महीने वसूलती थी पुलिस
पटाखा कारखाने में विस्फोट के बाद स्थानीय लोगों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दावा है कि पूर्व मेदिनीपुर के एगरा ब्लाक अंतर्गत खादीकुल गांव में जहां अवैध पटाखा कारखाने में विस्फोट हुआ है वहां ऐसे कई अन्य अवैध कारखाने चल रहे हैं। यहां वारदात के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को घेर कर स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और अपना गुस्सा जाहिर किया है। लोग लगातार कह रहे थे कि पुलिस अवैध पटाखा कारखानों से महीने में वसूली करती रही है।
Huge explosion in Sahara (সাহাড়া অঞ্চল) Village in Egra; Purba Medinipur, at the local "Regional Tola-Mool Party" leader – Krishnapada Bag's (alias Bhanu) house.
I am receiving news from the ground that the number of casualties is enormous. Immediately Central Forces should be… pic.twitter.com/WpWnVR3PXj
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) May 16, 2023
वहीं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा घिरे एगरा थाने के प्रभारी मौसम चक्रवर्ती का वीडियो ट्विटर पर डाला है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि यह एगरा थाना प्रभारी मौसम चक्रवर्ती है। आज की भयानक घटना के आरोपितों में से एक हैं। ममता बनर्जी की पुलिस को अवैध पटाखा कारखाने के मालिक कृष्ण पद बाग ने पाल कर रखा था। थाने के दो अन्य पुलिसकर्मी सुरजीत सिन्हा और विश्वजीत माइती बिचौलिया बने थे और अवैध कारखाने से प्रति महीने 50 हजार रुपये की वसूली होती थी। इसके एवज में उन्हें अवैध तरीके से लाइसेंस और विस्फोटक एकत्रित करने की छूट रहती थी।
https://twitter.com/SuvenduWB/status/1658416277952798723?s=20
अपने ट्वीट के साथ शुभेंदु मे कई वीडियो डाला है जिसमें बम ब्लास्ट की घटना के बाद छिटके पड़े शवों को पुलिस की जगह सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता घसीटते हुए हटा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि देखिए किस तरह से स्थानीय तोला (वसूली) मूल पार्टी (तृणमूल) के कार्यकर्ता शवों को हटा रहे हैं।
आक्रोशित लोगों ने किया पुलिस पर हमला
वहीं घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मियों को देखकर ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय थाने की देखरेख में ही अवैध कारखाने चल रहे हैं।
मंगलवार दोपहर घटना के बाद एगरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी, जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। ग्रामीणों की भीड़ ने एक पुलिसकर्मी की वर्दी फाड़ दी और माथे पर डंडे से हमला किया। इसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि गांव वाले एक सुर में शोर मचाते हुए पुलिसकर्मियों को खदेड़ रहे हैं।
मंगलवार दोपहर अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट और उसमें हुई मौत की घटना के बाद से लगातार सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए गांव वाले विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि पुलिस वाले अवैध कारखानों से वसूली कर गैरकानूनी तरीके से विस्फोटकों को एकत्रित करने में संरक्षण देते हैं। यह भी आरोप है कि अवैध कारखानों के बारे में कई बार पुलिस को शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पूर्व मेदिनीपुर के जिला पुलिस अधीक्षक अमरनाथ ने बताया है कि पुलिस कर्मियों पर हमले के मामले में अलग से प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज देखकर हमलावरों की शिनाख्त की जाएगी।
भाजपा ने की एनआईए जांच की मांग
वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहां है कि खादीकुल गांव में बम बनाने के अवैध फैक्ट्री में विस्फोट के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। वारदात की वजह से स्थानीय निवासियों के अंदर भय और असुरक्षा बढ़ने लगी है।
स्थानीय लोग लगातार बता रहे हैं कि वहां एक नहीं बल्कि कई अवैध पटाखा फैक्ट्रियां हैं। ऐसे में यह धमाका चिंता पैदा करने वाला है। निवासियों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि इस वारदात के पीछे के नेटवर्क को उजागर किया जाए। कैसे यहां विस्फोटकों को एकत्रित किया जाता था और इसकी अनुमति कैसे मिलती थी, पुलिस क्या कर रही थी, इसकी गहन जांच जरूरी है। इसलिए केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच सौंपे। पीड़ित परिवारों को न्याय मिले इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि इस वारदात के पीछे संभावित आतंकवाद और संगठित अपराध कनेक्शन का पता लगाया जाए। इस बात की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि पश्चिम बंगाल में आसन्न पंचायत चुनाव के दौरान यहां बनने वाले बमों का इस्तेमाल होना था। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ऐसे गंभीर अपराधों की अनदेखी नहीं की जा सकती इसीलिए एनआईए जांच जरूरी है।
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