आबादी के मामले में भारत से पिछड़ चुका चीन अब अपने यहां ऐसी ऐसी नीतियां लागू करने में जुटा है जिससे उसके यहां लोग और बच्चे पैदा करने को प्रोत्साहित हों। वहां भी लोग अब एक या हद से हद दो बच्चे ही पैदा कर रहे हैं जबकि चीन अब चाहता है कि परिवारों में और बच्चे हों। उदाहरण के लिए चीन सरकार ने परिवार में तीसरा बच्चा होने पर घर के लिए सब्सिडी, शिक्षा के लिए सब्सिडी जैसी कई और योजनाओं की घोषणा तक कर दी है।
दरअसल, कम्युनिस्ट चीन अब अपने यहां घटती आबादी से परेशान आ चुका है। वहां जन्म दर में भारी गिरावट देखने में आई है। इसी को बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह के उपाय कर रही है। बहुत समय से सरकार के विभागों में ऐसी चर्चाएं सुनने में आती रही थीं कि जनसंख्या बढ़ाने को सरकार बेचैन है। जिस तेजी से आबादी घटती जा रही है, उसे लेकर सरकार का तनाव बढ़ता ही गया है। ऐसे में भारत के इस मामले में उसे पीछे छोड़ देने से तो और तनाव बढ़ा है।
यह कोई छुपी बात नहीं है कि चीन अपनी आबादी को अपनी प्रगति के लिए इस्तेमाल करने में माहिर रहा है। इसीलिए उद्योग—धंधों में उसके यहां मानव संसाधन की दिक्कत नहीं रहती है। वह कम लागत पर उत्पाद बनाकर दे पाने की अपनी सामर्थ्य क बूते ही विदेशी कंनियों को अपने यहां आकर्षित करता रहा है।
चीन की जिनपिंग सरकार पूरी कोशिश में है कि घटती जन्मदर थम ही न जाए बल्कि यह बढ़ती जाए। इस वजह से कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। खबर है कि कम्युनिस्ट देश के 20 शहरों को चिन्हित करके एक ‘पायलट प्रोजेक्ट’ पर काम शुरू होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन शहरों में ‘नए युग’ के विवाह तथा बच्चे पैदा करने की परंपरा पर जोर दिया जाएगा।
चीन के अखबारों में आए समाचारों के अनुसार, ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत अनेक योजनाएं शुरू की जानी हैं। इनमें ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा जिससे और बच्चे पैदा करने की प्रेरणा मिल सके। जिस युगल के ज्यादा बच्चे होंगे उसे कई तरह के फायदे पहुंचाकर और उत्साहित किया जाएगा। समाचारों के अनुसार, इस परियोजना के लिए हेबेई में स्थित मैन्युफैक्चरिंग के केन्द्र ग्वांगजू और हान्दान को चुना गया है।
एक रिपोर्ट बताती है कि युवतियों को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए भी सरकार प्रोत्साहित करने जा रही है। इसके लिए तरह तरह की योजनाओं पर चर्चा चल रही है कि कैसे युवतियों को समय पर शादी के लिए तैयार किया जाए, कैसे उन्हें परिवार का आकार बढ़ाने की प्रेरणा दी जाए। ऐसी युवतियों को कुछ विशेष आर्थिक लाभ देने की भी योजना तैयार की जा रही है।
बीजिंग स्थित परिवार नियोजन विभाग वहां जनसंख्या तथा प्रजनन के उपाय लागू करता है। जनसंख्या विभाग में काम करने वाले एक कर्मचारी का कहना है कि लोग ज्यादा बच्चे पैदा करें, कम से कम तीन बच्चे हों, इसके लिए घर खरीदने के लिए सब्सिडी, शिक्षा के लिए सब्सिडी जैसे कई योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। सरकार कैसे भी जन्म दर बढ़ाना चाहती है।
यह कोई छुपी बात नहीं है कि चीन अपनी आबादी को अपनी प्रगति के लिए इस्तेमाल करने में माहिर रहा है। इसीलिए उद्योग—धंधों में उसके यहां मानव संसाधन की दिक्कत नहीं रहती है। वह कम लागत पर उत्पाद बनाकर दे पाने की अपनी सामर्थ्य क बूते ही विदेशी कंनियों को अपने यहां आकर्षित करता रहा है।
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