पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी गिरफ्तारी पर उस इस्लामी देश में हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं को शाहबाज सरकार की साजिश करार दिया है। अदालत के आदेश से रिहा हुए इमरान अपने पुराने तेवरों में लौटते दिख रहे हैं और एक बार फिर से सरकार और सेना को हर बात के लिए कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
अब इमरान ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि देश में हिंसा उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने नहीं की थी बल्कि यह शाहबाज सरकार ने कराई थी। पीटीआई अध्यक्ष के इस बयान ही नहीं, उनकी एक और बात से सरकार में खलबली मची है कि सरकारी संस्थानों के साथ ही, लाहौर में कॉर्प्स कमांडर के निवास में लूट और आगजनी भी सरकार ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत कराई थी।
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह आरोप लगाकर कहा कि यह सब इसलिए किया गया जिससे उनकी पार्टी पीटीआई बदनाम हो। इस उद्देश्य से सरकारी एजेंसी के सरकारी लोगों ने जगह जगह आग लगाई, गोलियां चलाई और हिंसा की। पीटीआई प्रमुख इमरान ने इसे ‘लंदन प्लान’ के तहत किया बताया है। उनके अनुसार, इसके पीछे यही चाल है कि पीटीआई को बदनाम करके इस पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। उल्लेखनीय है कि अभी परसों ही पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा था कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाना ही पाकिस्तान को बचाने का एकमात्र रास्ता है। राणा ने तो यहां तक कहा था कि इमरान अपनी पार्टी में गुंडे ही नहीं, आतंकवादियों तक को शामिल करने की हद तक जा सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि उनके पास यह दिखाने के लिए कई सबूत हैं कि आगजनी तथा गोलीबारी में सरकारी एजेंसी के लोगों का हाथ है। वे चाहते थे कि तबाही मचे जिसका आरोप पीटीआई के मत्थे मढ़ा जाए। ऐसा करके वे पीटीआई के नेताओं को जेल में डालने को सही ठहरा सकेंगे। इमरान के अनुसार, इसी योजना के अंतर्गत सरकारी संस्थानों तथा लाहौर में कॉर्प्स कमांडर के निवास में आग लगाई गई।
दरअसल इमरान खान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि उनके पास यह दिखाने के लिए कई सबूत हैं कि आगजनी तथा गोलीबारी में सरकारी एजेंसी के लोगों का हाथ है। वे चाहते थे कि तबाही मचे जिसका आरोप पीटीआई के मत्थे मढ़ा जाए। ऐसा करके वे पीटीआई के नेताओं को जेल में डालने को सही ठहरा सकेंगे। इमरान के अनुसार, इसी योजना के अंतर्गत सरकारी संस्थानों तथा लाहौर में कॉर्प्स कमांडर के निवास में आग लगाई गई।
इन बयानों के पीछे इमरान खान का उद्देश्य इन घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करना है। उनका कहा है कि ‘ये सारा कुछ ‘लंदन प्लान’ के तहत किया गया जिससे पीटीआई कार्यकर्ताओं तथा उनको जेल में डाला जा सके।
उल्लेखनीय है कि लाहौर में सेना के एक शीर्ष अधिकारी के निवास को आग के हवाले कर दिया गया था। पाकिस्तान में इस हिंसा में लगभग 10 लोगों की मौत हुई थी। जबकि पीटीआई का कहना है कि कम से कम 40 लोग मारे गए हैं।
इस बयान से पूर्व इमरान खान यह आरोप भी लगा चुके हैं कि शाहबाज सरकार चाहती है कि उन पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया जाए और कम से कम दस साल के लिए जेल में डाल दिया जाए।
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