जन्मतिथि विशेष : जानिए कवि, लेखक, कहानीकार और पत्रकार मंगलेश डबराल के बारे में सबकुछ
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

जन्मतिथि विशेष : जानिए कवि, लेखक, कहानीकार और पत्रकार मंगलेश डबराल के बारे में सबकुछ

मंगलेश डबराल की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा देहरादून में हुई थी। पिता की बीमारी से घर की बेहद खराब आर्थिक परिस्थितियों के कारण उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी और आजीविका की तलाश में दिल्ली आ गए थे।

by पंकज चौहान
May 16, 2023, 11:38 am IST
in भारत, उत्तराखंड
फाइल फोटो

फाइल फोटो

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत के सांस्कृतिक इतिहास की विरासत को संजोकर रखने में उत्तराखंड राज्य का योगदान किसी भी दृष्टि से कम नहीं है। भारत के उत्तर दिशा में स्थित सुदूर विकट भौगोलिक परिस्थितियों वाले पहाड़ी राज्य का नाम हैं उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड राज्य में अनेकों महान विभूतियों ने जन्म लिया है,जो आध्यात्मिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण संरक्षण, कला, साहित्य, आर्थिक, देश की रक्षा एवं सुरक्षा जैसे अनेकों महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विश्वप्रसिद्ध हुए हैं। देश की इन्हीं महान विभूतियों की कतार में स्थान प्राप्त करने वाले समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित और विख्यात प्रतिष्ठित नाम मंगलेश डबराल का आता है।

मंगलेश डबराल का जन्म उत्तराखण्ड राज्य में 16 मई 1948 को टिहरी गढ़वाल के ग्राम काफलपानी में हुआ था। काफलपानी एक पहाड़ी गाँव है, जहां के विषय में प्रसिद्ध है कि यहां दिन में खूब दिन होता है और रात में खूब घनी रात होती है। मंगलेश डबराल की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा देहरादून में हुई थी। पिता की बीमारी से घर की बेहद खराब आर्थिक परिस्थितियों के कारण उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी और आजीविका की तलाश में दिल्ली आ गए थे। दिल्ली में लेखन में रुचि के कारण उन्होंने हिन्दी पैट्रियट, प्रतिपक्ष और आसपास में काम किया और उसके पश्चात उन्होंने भोपाल में मध्यप्रदेश कला परिषद्, भारत भवन से प्रकाशित साहित्यिक त्रैमासिक पूर्वाग्रह में सहायक संपादक के रूप में कार्य किया था। मंगलेश डबराल ने इलाहाबाद और लखनऊ से प्रकाशित अमृत प्रभात में भी कुछ समय नौकरी की थी। उन्होंने सन 1983 में जनसत्ता में साहित्य संपादक का दायित्व भी संभाला और उसके कुछ समय पश्चात सहारा समय में संपादन कार्य करने के बाद वह नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़ गए थे। विभिन्न दायित्व और नौकरियों के अलावा पत्रकारिता, संपादन में सहयोग के साथ–साथ उनका लेखन कार्य भी जारी रहा था।

मंगलेश डबराल के पांच काव्य संग्रह प्रकाशित हुए है, “पहाड़ पर लालटेन” सन 1981, “घर का रास्ता” सन 1988, “हम जो देखते हैं” सन 1995, “आवाज़ भी एक जगह है” सन 2000, “नए युग में शत्रु” सन 2013, “घर का रास्ता” सन 2017, “स्मृति एक दूसरा समय है” सन 2020 उनके प्रकाशित कविता-संग्रह हैं। इसके अतिरिक्त उनके “लेखक की रोटी” और “कवि का अकेलापन” शीर्षक गद्य-संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं। मंगलेश डबराल का एक यात्रा-वृतांत भी “एक बार आयोवा” के नाम से प्रकाशित हुआ है। मंगलेश डबराल को दिल्ली हिन्दी अकादमी द्वारा साहित्यकार सम्मान से तथा कुमार विकल स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त मंगलेश डबराल की अपनी सर्वश्रेष्ठ रचना “हम जो देखते हैं” के लिए साहित्य अकादमी ने सन 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया था। मंगलेश डबराल की ख्याति देशभर में सुप्रसिद्ध अनुवादक के रूप में भी है।

मंगलेश डबराल के सभी भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेज़ी, जर्मन, डच, फ्रांसीसी, स्पानी, इतालवी, पुर्तगाली, बल्गारी, पोल्स्की आदि विदेशी भाषाओं के कई संकलनों और पत्र-पत्रिकाओं में उनकी कविताओं के अनुवाद भी प्रकाशित हुए हैं। मरिओला द्वारा उनके कविता-संग्रह ‘आवाज़ भी एक जगह है’ का इतालवी अनुवाद ‘अंके ला वोचे ऐ उन लुओगो’ नाम से प्रकाशित हुआ है तथा अंग्रेज़ी अनुवादों का एक चयन ‘दिस नंबर दज़ नॉट एग्ज़िस्ट’ के नाम से प्रकाशित है। उन्होंने बेर्टोल्ट ब्रेश्ट, हांस माग्नुस ऐंत्सेंसबर्गर, यानिस रित्सोस, ज़िबग्नीयेव हेर्बेत, तादेऊश रूज़ेविच, पाब्लो नेरूदा, एर्नेस्तो कार्देनाल, डोरा गाबे आदि विदेशी प्रसिद्ध कवियों की कविताओं का अंग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद किया है। कविता के अतिरिक्त उन्होंने साहित्य, सिनेमा, संचार माध्यम और संस्कृति के विषयों पर भी नियमित लेखन किया। मंगलेश डबराल की कविताओं में सामंती बोध एवं पूंजीवादी छल-छद्म दोनों का ही प्रतिकार है। मंगलेश डबराल यह प्रतिकार किसी शोर-शराबे के साथ नहीं अपितु प्रतिपक्ष में एक सुन्दर स्वप्न रचकर करते हैं। उनका सौंदर्यबोध सूक्ष्म है और भाषा पारदर्शी है। मंगलेश डबराल का कोरोना से संक्रमित होने के कारण 9 दिसम्बर 2020 को वसुंधरा, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के एक अस्पताल में देहावसान हो गया था।

समकालीन कविता के एक अन्य प्रतिष्ठित कवि असद ज़ैदी के शब्दों में कहें तो—‘’ऊपर से शांत, संयमित और कोमल दिखने वाली लगभग आधी सदी से पकती हुई मंगलेश की कविता हमेशा सख़्तजान रही है—किसी भी चीज़ के लिए तैयार। इतिहास ने जो ज़ख़्म दिए हैं उन्हें दर्ज करने, मानवीय यातना को सोखने और प्रतिरोध में ही उम्मीद का कारनामा लिखने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध। यह हाहाकार की ज़बान में नहीं लिखी गई है, वाष्पीभूत और जल्दी ही बदरंग हो जाने वाली भावुकता से बचती है, इसकी मार्मिकता स्फटिक जैसी कठोरता लिए हुए है। इस मामले में मंगलेश क्लासिसिस्ट मिज़ाज के कवि हैं—समकालीनों में सबसे ज़्यादा तैयार, मंजी हुई, और तहदार ज़बान लिखने वाले।’’

Topics: Story of Manglesh Dabralमंगलेश डबराल का योगदानमंगलेश डबराल का जीवनमंगलेश डबराल की कवितामंगलेश डबराल के लेखमंगलेश डबराल की कहानीManglesh DabralContribution of Manglesh DabralLife of Manglesh DabralPoetry of Manglesh DabralArticles of Manglesh Dabralमंगलेश डबराल
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मोतिहारी से इनामी खलिस्तानी आतंकी कश्मीर सिंह ग्लावड्डी उर्फ बलबीर सिंह को गिरफ्तार किया गया

10 लाख का इनामी खलिस्तानी आतंकी गिरफ्तार, नाभा जेल ब्रेक में था शामिल

गिरफ्तार बांग्लादेशी जासूस अशरफुल आलम

बांग्लादेशी जासूस की गिरफ्तारी से हुए कई खुलासे

Pakistani Army join funeral of terrorist in Muridke

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तानी सेना के अधिकारी आतंकियों के जनाजे में शामिल, देखें लिस्ट

Bhagalpur Love Jihad with a hindu women

हिन्दू महिला से इमरान ने 9 साल तक झांसा देकर बनाया संबंध, अब बोला-‘धर्म बदलो, गोमांस खाओ, इस्लाम कबूलो तो शादी करूंगा’

Siddhivinayak Temple Mumbai stop Offering Prasad

भारत-पाकिस्तान तनाव: मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ने सुरक्षा कारणों से नारियल, प्रसाद चढ़ाने पर लगाई रोक

ऑपरेशन सिंदूर : ‘सिंदूर’ की शक्ति और हमले की रणनीति

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान DGMO वार्ता आज: जानें, कैसे पड़ोसी देश ने टेके घुटने?

Lord Buddha jayanti

बुद्ध जयंती विशेष: धर्मचक्रप्रवर्तन में भगवान बुद्ध ने कहा – एस धम्मो सनंतनो

असम: अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies