कन्वर्जन, लव जिहाद और आतंकवाद पर बनी फिल्म ”द केरला स्टोरी” को लेकर देश भर में राजनीति, तर्क, वितर्क, खण्डन-मण्डन का दौर जारी है। सबके अपने-अपने तर्क हो सकते हैं, लेकिन इस फिल्म को देखने के बाद लगता है कि यह संकट किसी एक राज्य का मसला नहीं, आज देश का हर कोना इस्लामिक चरमपंथियों के षड्यंत्रों, कन्वर्जन, लव जिहाद और आतंकवाद से संकटगस्त है। विचारधारा और दृष्टि बदल जाने के बाद इंसान के सोचने-समझने की शक्ति किस तरह से काम करने लगती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण फिर एक बार मध्य प्रदेश में सामने आया है।
जो कल तक हिन्दू रहे, वे शांतिप्रिय थे लेकिन जैसे ही वे कट्टरपंथ के रास्ते पर चले उनका पूरा नजरिया बदल गया। ये कहानी सामने आई है, मध्य प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए इस्लामिक आतंकी संगठन हिज्ब-उत -तहरीर(एचयूटी) तहरीक ए खिलाफत के कथित आतंकियों के पकड़े जाने से ।
सात साल पहले सौरभ राज वैद्य बना सलीम
मध्य प्रदेश की एटीएस जिन पांच लोगों को पकड़ने हैदराबाद (तेलंगाना) पहुंची और पकड़े गए आतंकियों की पड़ताल हुई तो पता चला कि जो मध्य प्रदेश के जंगलों में हथियारों की ट्रेनिंग देता था, उसने सात साल पहले ही अपना धर्म बदला है। हिन्दू से मुसलमान होने के बाद उसकी मानसिकता में इस तरह से बदलाव आया कि उसे गैर मुसलमान सभी काफिर नजर आने लगे, जैसे फिल्म ”द केरला स्टोरी” में उनकी नजरों में काफिर पर थूकने का एक दृष्य है, ठीक वैसे ही अंदाज में हर काफिर को सबक सिखाना और इस्लाम के रास्ते पर लाने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है इसके लिए ये सौरभ राज वैद्य जो अब प्रो. सलीम है जिहाद के रास्ते पर चल पड़ा। प्रो. सलीम एक कॉलेज में प्राध्यापक है और भोपाल के बैरसिया इलाके का रहनेवाला है।
ब्रेनवाश करने डिवाइस का उपयोग करता था सलीम
इस्लाम में कन्वर्ट होते ही सबसे पहले उसने अपनी पत्नी का धर्म बदलवाया। उसे मुसलमान बनाकर वह भोपाल से हैदराबाद जाकर रहने लगा। प्रो. सलीम कन्वर्जन के बाद हिज्ब -उत -तहरीर(एचयूटी) संगठन से जुड़ा। भोपाल का होने के कारण उसे मध्य प्रदेश में इस संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई। इसके लिए पहले कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) ने सलीम को विदेश में प्रशिक्षण दिलाया। वह ब्रेनवाश करने के लिए डिवाइस का उपयोग करता था।
करते थे राकेट चैट एप का इस्तेमाल
एटीएस को पूछताछ में पता चला है कि प्रदेश में सलीम ही सबसे अधिक सक्रिय था। सलीम ने ही भोपाल में धार्मिक सभाओं का आयोजन कर अब तक सैकड़ों लोगों के साथ बैठकें की थीं। इसने अपने संगठन में हर वर्ग के व्यक्ति को जोड़ा। इसमें कोचिंग सेंटर चलाने वाले, साफ्टवेयर, आटो चालक, मजदूर और एनजीओ से जुड़े लोग मुख्य रूप से शामिल हैं। यह सभी लोग आतंकी संगठन आईएस की तर्ज पर बातचीत करने के लिए राकेट चैट एप का इस्तेमाल किया करते ।
पकड़े गए ज्यादातर आतंकियों ने की हिन्दू लड़कियों से शादी
तेलंगाना से जिन आतंकियों को मध्य प्रदेश लाया गया है, उनमें सलीम के अलावा अन्य दो लोगों का भी धर्म परिवर्तित करवाया गया है। अब्दुर रहमान (पहले देवी नारायण पांडा) और मोहम्मद अब्बास अली (पहले बेनू कुमार) था। इनके इस्लाम अपनाते ही इन्हें गैर मुस्लिम सभी दुश्मन नजर आने लगे। इसलिए यह लोग धर्म परिवर्तन का काम भी करते थे। जोकि अब तक कई लोगों का ब्रेन वॉश कर धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं, जिसमें कई महिलाएं शामिल हैं। पकड़े गए ज्यादातर आतंकियों ने भी हिन्दू लड़कियों से शादी की है और उनका भी धर्म बदलवा दिया।
पाकिस्तान में बैठे आकाओं से करते थे बात
संदिग्ध आतंकियों को लेकर एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि आए दिन इनकी पाकिस्तान बात होती थी। सूत्रों के हवाले से जानकारी लगी है कि इन आतंकियों से जब्त किए गए मोबाइल फोन से कई पाकिस्तानी नंबर मिले हैं, जोकि अब जांच के दायरे में हैं।
बता दें कि नौ मई को तेलंगाना पुलिस ने एमपी पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर हैदरबाद से मो. सलीम,अब्दुर रहमान, मोहम्मद अब्बास अली, शेख जुनैद और मोहम्मद हमीद का गिरफ्तार किया। बाद में मध्यप्रदेश की पुलिस हैदराबाद पहुंची और इन सभी को अपने यहां लेकर आई, जहां इन सभी से आमने- सामने बिठाकर पूछताछ की जा रही है। मध्यप्रदेश एटीएस हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के राज्य में पहले ही 11 आतंकियों को पकड़ चुकी थी । इस तरह अब तक आतंकवादी संगठन हिज्ब उत् तहरीर (एचयूटी) से जुड़े कुल 16 युवकों को गिरफ्तार किया जा चुका है ।
हिज्ब उत् तहरीर पर कई देशों में लगा है प्रतिबंध
हिज्ब उत् तहरीर अथवा तहरीक-ए-खिलाफत संगठन का नेटवर्क 60 से अधिक देशों में फैला हुआ है। इस संगठन पर 16 देशों में प्रतिबंध लग चुका है। यह संगठन भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के स्थान पर इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है। इसके लिए संगठन ने मध्यप्रदेश में भी गुपचुप तरीके से अपना कैडर तैयार करना प्रारंभ कर दिया था। संगठन से जुड़े सदस्यों का उदेश्य नवयुवकों को भारत की वर्तमान शासन प्रणाली इस्लाम विरोधी बताकर संगठन से जोड़ना है । पकड़े गए संगठन के सदस्य लोगों को भड़काकर और हिंसक कार्रवाई कर खिलाफत कायम करना चाहते थे।
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