क्या पड़ोसी इस्लामी देश में राजनीतिक दलों की रंजिश इस हाल में पहुंच चुकी है कि ये आपस में एक दूसरे पर प्रतिबंध लगाने तक की हद तक जा सकते हैं? पाकिस्तान में आज यह सवाल कई राजनीतिक विशेषज्ञों की चर्चा में उभर रहा है। खासकर तब से, जबसे पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने साफ शब्दों में अपनी ये मंशा जाहिर कर दी है कि इमरान खान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाना ही पाकिस्तान में मुश्किलें दूर कर सकता है!
राणा सनाउल्लाह का कहना है कि इमरान की पार्टी के ही गुंडों ने ही देश में आगजनी और हिंसा की थी। रक्षा संस्थानों को जलाया गया था। राणा ने सीधे इमरान खान पर निशाना लगाया है और कहा है कि उनकी पार्टी में गुंडे भरे पड़े हैं।
पड़ोसी इस्लामी देश के गृहमंत्री ने यहां तक कहा कि इमरान ने पिछले करीब दस साल के अंदर अपनी पार्टी पीटीआई में हजारों बदमाश भर्ती किए हैं। और सिर्फ भर्ती ही नहीं किए बल्कि उन्हें बाकायदा हथियार पकड़ाकर उन्हें चलाने का प्रशिक्षण दिया है।
पड़ोसी इस्लामी देश के गृहमंत्री ने चिंता भरे लहजे में कहा कि यदि इमरान की पार्टी पर पाबंदी नहीं लगाई गई तो उसका गलत संकेत जाएगा। इससे उनकी पार्टी अपनी मनमानी चलाने के लिए आतंकवादियों तक को पार्टी में शामिल करने की जुर्रत कर सकती है।
सनाउल्लाह पीटीआई के प्रमुख को सर्वोच्च न्यायालय और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की ओर से राहत मिलने पर भी बिफरे हुए हैं। इस्लामाबाद में एक प्रेस वार्ता में उनका यह गुस्सा इन्हीं सब परिस्थितियों से उपज कर बाहर आया था। पीटीआई पर प्रतिबन्ध लगाने तक का यह बयान सिर्फ उनका है, शाहबाज सरकार का नहीं, ऐसा भी मानने की कोई वजह नजर नहीं आती। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ खुद अदालतों के इस रवैए पर तीखी टिप्पणियां कर चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी चाहते हैं कि इमरान की पार्टी पर पाबंदी लगा दी जाए।
हालांकि राणा के अनुसार, पहले बिलावल भुट्टो ने यह जरूर कहा था कि राजनीतिक पार्टियों पर पाबंदी नहीं लगाई जानी चाहिए, लेकिन अब तो वह भी मानते हैं कि इमरान अगर अपना बर्ताव नहीं बदलते तो पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई चारा न बचेगा।
प्रेस वार्ता में अदालतों के फैसलों पर भी बोलने से राणा नहीं चूके। उनका कहना है कि मुख्य न्यायाधीश ने सिर्फ एक अपराधी के सामने पलक—पांवड़े ही नहीं बिछाए, बल्कि इमरान को सरकारी गेस्ट हाउस में मेहमान की तरह रखने का भी हुक्म दे दिया। इस गेस्ट हाउस में वे जिससे चाहे मिल सकते थे।
पड़ोसी इस्लामी देश के गृहमंत्री ने चिंता भरे लहजे में कहा कि यदि इमरान की पार्टी पर पाबंदी नहीं लगाई गई तो उसका गलत संकेत जाएगा। इससे उनकी पार्टी अपनी मनमानी चलाने के लिए आतंकवादियों तक को पार्टी में शामिल करने की जुर्रत कर सकती है। गत 9 मई को इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में जिस तरह पीटीआई समर्थकों द्वारा आग लगाई गई थी, राणा के अनुसार, उनको छोड़ा नहीं जाएगा, सबको पहचानकर सजा दी जाएगी। दंगाइयों की सीसीटीवी फुटेज से पहचान करने के बाद उनके विरुद्ध कड़ा कदम उठाया जाएगा।
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