उत्तराखंड : जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 12 किमी अंदर बनी अवैध मजार, जिम्मेदार मौन
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

उत्तराखंड : जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 12 किमी अंदर बनी अवैध मजार, जिम्मेदार मौन

रोक के बावजूद लोगों को कैसे मिल रही है कॉर्बेट के भीतर जाने की इजाजत? प्रशासन मौन, एनटीसीए खामोश, एनजीटी को मतलब नहीं?

by उत्तराखंड ब्यूरो
May 13, 2023, 12:10 pm IST
in भारत, उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जिस टाइगर रिजर्व में पैदल चलने की इजाजत नहीं हो, वाहन से उतरने की इजाजत नहीं हो, जिस बाघ संरक्षित जंगल में यदि कोई विभागीय अधिकारी इमारत बनवा दे तो वो मुकदमे झेले, उसी टाइगर रिजर्व में मुख्य मार्ग से 12 किलोमीटर भीतर एक मजार की इमारत बना दी जाती है और वहां लोगों का बेधड़क आना जाना हो रहा है।

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ फॉरेस्ट डिवीजन के 12 किमी भीतर मोरघट्टी में एक मजार है। उसकी तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें मजार पर लोग बैठे हुए हैं, वहां माथा टेक रहे हैं। इस मजार में पक्के कमरे बने हुए हैं। बताया जाता है कि ये मजार कालू सय्यद बाबा के नाम की है, जिनके नाम की अल्मोड़ा, हल्द्वानी, कालाढूंगी सहित कई जगह 10 मजारें और भी हैं। यानी ये भी “फ्रेंचाइजी” मजार है। नहीं तो एक बाबा 10 जगह और इतनी दूर घने जंगल में कैसे दफनाया जा सकता है।

कालागढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में मोरघट्टी की इस मजार को किसने पक्के निर्माण की इजाजत दी? क्या प्रशासन, क्या एनटीसीए, क्या एनजीटी से कोई अनुमति ली गई? उल्लेखनीय है एनटीसीए की अनुमति के बिना टाइगर रिजर्व में एक ईंट भी नहीं लगाई जा सकती है। पिछले साल एक नवनिर्मित भवन को इसलिए गिरा दिया गया था कि एनटीसीए ने एतराज जताया था और ये मामला सुर्खियों में रहा। कई आईएफएस और वन अधिकारी इस मामले में मुकदमे भी लड़ रहे हैं और विभागीय जांच का शिकार भी हो चुके हैं।

उत्तराखंड में मजार जिहाद, जमीन जिहाद को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक अभियान चलाया हुआ है। सरकारी जमीनों पर अवैध मजारे ध्वस्त की जा रही है। अभी तक 314 अवैध मजारें ध्वस्त कर 74 हेक्टेयर वन क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त भी किया गया है।

अभी और भी मजारें उत्तराखंड के वन क्षेत्र में मौजूद हैं। ये विषय भी जांच का है कि आखिर वन विभाग ने ये अवैध मजारें अपने वन क्षेत्र में और कहीं-कहीं रिजर्व फॉरेस्ट में बनने क्यों दी? डीएफओ और टाइगर रिजर्व के प्रशासनिक कुर्सियों में बैठे आईएफएस अधिकारी क्यों नहीं इसे रोक पाए, जबकि ये किसी भी जंगल में बाहरी इंसानों की दखलअंदाजी रोकने के लिए जिम्मेदार है। इनके रेंजर, बीट वाचर और अन्य कर्मी क्यों खामोश रहे। जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और राजा जी टाइगर रिजर्व में बाघों और अन्य जीव जंतुओं के शिकार की घटनाएं बराबर सुनते आए हैं तो क्या इन टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में मजारों का बहाना लेकर कहीं “पोचर” तो नहीं जा रहे?

मजार और अतिक्रमण हटाओ अभियान में राजाजी टाइगर रिजर्व में एक मस्जिद भी चिन्हित की है। बड़ा सवाल यही है कि आखिर ये बन कैसे गई? बहरहाल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जो कि दुनिया में बाघों के घर के रूप में जाना जाता रहा है, वहां इस तरह की मजारें बन जाना क्या कोई बड़ा षड्यंत्र माना जा रहा है। कॉर्बेट के ही जंगल में रामनगर के पास भी आठ मजारें और चिन्हित हो गई हैं, जिसको लेकर कॉर्बेट प्रशासन सवालों के घेरे में हैं।

क्या कहते हैं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ धीरज पांडे का कहना है कि धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए हैं। उन्हें नोटिस दिया गया है, हम इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने ये भी कहा कि कॉर्बेट प्रशासन ने इन स्थलों तक आम आदमियों के जाने पर रोक लगाई हुई है।

Topics: जिम कॉर्बेट में मजारmausoleum in uttarakhanduttarakhand newsmausoleum in jim corbettउत्तराखंड समाचारउत्तराखंड में मजारअवैध मजारजिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्वJim Corbett Tiger Reserveउत्तराखंड में अवैध मजारIllegal mausoleumillegal mausoleum in Uttarakhand
Share45TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

प्रतीकात्मक तस्वीर

उधम सिंह नगर जिले में बनभूलपुरा की तरह पनप रही अवैध बस्तियां

5 Illegal tomb budozed in kashipur

उत्तराखंड में अब तक 537 अवैध मजारों पर चला धामी सरकार का बुल्डोजर

धातु की प्लेट लगाकर ATM ठगी, पुलिस ने सावेज और गुलफाम को किया गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies