पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रिहा करने का आदेश दे दिया है। चीफ जस्टिस की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने गुरुवार को खान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो से इमरान को रिहा करने को कहा।
चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने सुनवाई के दौरान कहा- सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या किसी भी अदालत से किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। आप अदालत की तौहीन नहीं कर सकते। इस दौरान उन्होंने इमरान से हालचाल पूछा। जिस पर इमरान ने कहा- मुझे गिरफ्तार नहीं, अगवा किया गया था। मेरे साथ कस्टडी में मारपीट की गई। जिसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा- हमने आपको रिहा करने का हुक्म दिया हैं। लेकिन आपकी गिरफ्तारी के बाद मुल्क में जो हिंसा हुई, आपको उसकी निंदा करनी होगी।
रिहाई के बाद बोले इमरान मेरे साथ अपराधियों की तरह सलूक किया
सुप्रीम कोर्ट से रिहाई के बाद इमरान खान ने कहा- उन्होंने मेरी गिरफ्तारी ऐसे की जैसे कि मैं कोई आतंकी हूं। मेरे साथ क्रिमिनल जैसा सलूक किया गया। मुझे डंडों से पीटा गया। मेरे ऊपर 145 से ज्यादा फर्जी केस डाल दिए गए। मेरी गिरफ्तारी के बाद देश में क्या हुआ, मुझे नहीं पता। मैं नहीं चाहता कि देश में हालात खराब हों।
लाडले की गिरफ्तारी से परेशान हैं चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान : सरकार
इस मामले को लेकर सरकार की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा- लाडले की गिरफ्तारी से इंसाफ देने वाले परेशान हैं। चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जस्टिस उमर अता बांदियाल को इस्तीफा देना चाहिए। इमरान की गिरफ्तारी के बाद एक साजिश के तहत हिंसा फैलाई गई। फौज पर हमले किए गए। सुप्रीम कोर्ट एक दहशतगर्द को शह दे रहा है।
सरकार की प्रवक्ता मरियम ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर निशाना साधते हुए कहा- आपके लाडले ने जितना नुकसान एक दिन में किया है। उतना तो भारत 75 साल में नहीं कर पाया। इस आदमी की वजह से दो दिन में पूरा मुल्क जल गया। इसके पहले उसने पुलिस और रेंजर्स पर हमले कराए। सुप्रीम कोर्ट तब क्यों चुप रहा? उसने इमरान के 60 अरब रुपए के घोटाले पर सवाल क्यों नहीं किए ?
अभी तक 1650 उपद्रवी गिरफ्तार,
बता दें कि अब तक इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन करने वाले 1650 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने एक बयान जारी कर 1650 से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार करने की बात कही है। पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि हिंसक गतिविधियों में शामिल सभी संदिग्धों का पता लगाया जा रहा है और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। ऐसे लोग दया के पात्र नहीं हैं। बता दें कि गिरफ्तार किए गए लोग इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता बताएं जा रहे है।
अमेरिका व इंग्लैंड ने दखल से किया इनकार
पाकिस्तान में चल रहे बवाल के बीच अमेरिका और इंग्लैंड ने दखल से इनकार किया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी से अवगत है। अमेरिका किसी राजनीतिक उम्मीदवार या पार्टी की स्थिति पर कोई हस्तक्षेप नहीं करता। विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका दुनियाभर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और कानून के शासन का सम्मान करने का आह्वान करता हैं।
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी पाकिस्तान के लिए एक आंतरिक मामला है। एक सांसद को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटेन शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और कानून के शासन के पालन का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है।
पीटीआई पर लग सकता है प्रतिबंध
पीटीआई पर पाबंदियों की चर्चा के बीच विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि वह किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं और वह इस तरह के फैसले से सहमत होने वाले अंतिम व्यक्ति होंगे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पीटीआई के लिए जरूरी है कि वह एक राजनीतिक दल के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखे और आतंकवाद का समर्थन करने वाले समूह के रूप में परिवर्तित न हो। उन्होंने कहा कि अगर पीटीआई ने देश के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह में शामिल होने का फैसला किया, तो सरकार के लिए पार्टी पर प्रतिबंध लगाना जरूरी हो सकता है।
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