पैसे के लिहाज से पाकिस्तान रोज इंच इंच नहीं, फुट फुट करके नीचे धंसता जा रहा है। आएदिन कंगाली को छुपाने की नाकाम कोशिश करते पाकिस्तानी मंत्रियों के दावों की पोल खुल रही है। लेकिन तब भी नेताओं को विदेश यात्राओं का मोह नहीं छोड़ रहा है। अब एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है जिसके अनुसार, सरकारी खजाना इस हद तक खाली हो चला है कि सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए पैसा नहीं बचा है।
पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान में रसोई गैस, आटा, बिजली, पेट्रोल जैसी रोजमर्रा जरूरत की चीजें अवाम की पहुंच से रोज दूर होती जा रही हैं। ऐसे में अगर लोगों की तनख्वाहें न दी गईं तो कैसा हड़कम्प मचेगा, इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है।
ताजा जानकारी के अनुसार एक अर्से से आर्थिक कंगाली से गुजर रहे पाकिस्तान के अनेक राज्यों के पास अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए पैसा ही नहीं है। फिलहाल पंजाब की बदहाली मीडिया में सुर्खियां बनी है। पाकिस्तान के पंजाब सूबे की सरकार ने फौरी तौर पर अपने यहां के सरकारी कर्मचारियों व अफसरों को किसी भी मद में दिए जाने वाले पैसे पर रोक लगा दी है।
पाकिस्तान टुडे अखबार अपनी रिपोर्ट में लिखता है कि डगमगाते आर्थिक हालात की वजह से पंजाब की सरकार नया बजट तैयार कर रही है। इस वजह से उसने फिलहाल सरकारी कर्मचारियों और अफसरों की तनख्वाहों पर पाबंदी लगा दी है।
पाकिस्तान की शाहबाज सरकार भले कितना ही कहे कि, सब ठीक है, इस हालत से सरकार पर या आम आदमी पर कोई बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। यहां बता दें कि विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, पाकिस्तान की 2021—22 की जीडीपी में प्रति व्यक्ति आय में 1,613.8 अमेरिकी डॉलर से 2022-23 में 1,399.1 अमेरिकी डॉलर की गिरावट होगी। यानी वर्ल्ड बैंक के अनुसार यह गिरावट 0.4 फीसदी रह सकती है।
इस कंगाली का असर पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ा है। इससे वह देश गंभीर आर्थिक दिक्कतें झेलने को मजबूर है। सरकारी तनख्वाह पर परिवार पालने वाले आम लोग रसोई की रसद को तरस चुके हैं। आटा, दाल—मसाले जैसी चीजें महंगाई के कारण उनकी पहुंच से बाहर हो गई हैं।
पाकिस्तान की शाहबाज सरकार भले कितना ही कहे कि, सब ठीक है, इस हालत से सरकार पर या आम आदमी पर कोई बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। यहां बता दें कि विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, पाकिस्तान की 2021—22 की जीडीपी में प्रति व्यक्ति आय में 1,613.8 अमेरिकी डॉलर से 2022-23 में 1,399.1 अमेरिकी डॉलर की गिरावट होगी। यानी वर्ल्ड बैंक के अनुसार यह गिरावट 0.4 फीसदी रह सकती है।
बदहाली में डूबी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कितनी खोखली हो चली है इसे ऐसे समझा जा सकता है कि आज वहां के हालत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसने महंगाई श्रीलंका जैसे खस्ताहाल देश से भी ज्यादा है। माना जा रहा है कि एशिया में कोई ऐसा देश नहीं है जहां महंगाई उतनी तेजी से बढ़ी है जितनी तेजी से ये पाकिस्तान में आसमान में चढ़ी है।
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