किशनगंज में राजद के नेता और धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दानिश इकबाल ने बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का किया अपमान।
जिहादियों की प्रयोगशाला बनते किशनगंज में एक नया विवाद सामने आया है। डीएसएस (धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ) के प्रदेश अध्यक्ष एवं राजद नेता दानिश इकबाल ने 08 मई को भारत रत्न बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के चित्र पर कुर्सी रखकर पत्रकार वार्ता की। बता दें कि डीएसएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं बिहार सरकार के पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव। उन्होंने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा को बिहार की धरती पर कदम नहीं रखने देने का संकल्प लिया है। दानिश इकबाल इसी संबंध में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
इस घटना की त्वरित प्रतिक्रिया भी हुई है। किशनगंज नगर परिषद के मुख्य पार्षद इंद्रदेव पासवान ने दानिश की निंदा करते हुए कहा है कि ऐसे लोग सामंती सोच वाले हैं। उन्होंने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब की तस्वीर छपे पर्चे की जिस संगठन को कदर नहीं वह देश या राष्ट्र का नेतृत्व कैसे कर सकता है? यह सिर्फ निंदनीय ही नहीं, बल्कि घोर अपराध भी है। उन्होंने प्रशासन को संज्ञान लेकर अनुसूचित जाति एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग भी की है। उन्होंने इस कृत्य के लिए तेजप्रताप यादव से भी माफी मांगने की बात कही है। ऐसा नहीं करने पर बाबा साहब के समर्थक सड़क पर उतरकर जन आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
उल्लेखनीय है कि डीएसएस अपने स्थापना काल से ही विवादो में रहा है। राजद के अंदरूनी विवाद को एक नया मोड़ देने के लिए तेजप्रताप यादव ने यह संगठन बनाया था। कहा जाता है कि उस समय राजद के अंदर अपने अस्तित्व को लेकर परेशान तेजप्रताप ने स्वयं को स्थापित करने के लिए यह संगठन बनाया था। यह देखा गया है कि जब-जब राजद सत्ता में रहता है तब-तब तेजप्रताप इस संगठन को लेकर सड़कों पर उतरने को धमकी देते हैं। इस संगठन की स्थापना के कुछ समय बाद ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहनराव भागवत को बिहार में नहीं आने देने की धमकी दी थी। लेकिन, उनकी धमकी सिर्फ मीडिया में ही सिमट कर रह गई। यही नहीं, 2017 में राजद सत्ता से भी बेदखल हो गया।
इस संगठन के सदस्य आरएसएस के स्वयंसेवकों जैसी वेशभूषा के साथ सड़कों पर निकलने का दावा करते हैं। कुछ तस्वीरें भी साझा की जाती हैं। अब राजद सत्ता में है तो फिर से तेजप्रताप ने अपने संगठन को सक्रिय किया है। बता दें कि पटना के बिहटा अंतर्गत तरेत पाली में आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कार्यक्रम 13 से 17 मई तक प्रस्तावित है। तेजप्रताप अपने संगठन के माध्यम से बार-बार धमकी दे रहे हैं- “धर्म को टुकड़ों में बांटने वालों को करारा जवाब मिलेगा। तैयारी पूरी है।” पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को गिरफ्तार करने की मांग की है।
लोग पूछ रहे हैं कि आखिर धीरेंद्र शास्त्री की गलती क्या है तो राजद के नेता वही घिसी पीटी बात करते हैं कि उनके आने से राज्य में तनाव बढ़ेगा। कह सकते हैं कि राजद के नेता हिंदू संतों का विरोध सिर्फ अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए कर रहे हैं।
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