उत्तराखंड में मजार जिहाद पर धामी सरकार का बुलडोजर चल रहा है, जिससे बेचैन होकर कांग्रेस विधायक शिकायत लेकर विरोध जताने जिलाधिकारी और एसएसपी से मिलने पहुंचे, जिस पर अब संत समाज की प्रतिक्रिया सामने आई है।
धर्मनगरी हरिद्वार में चल रहे अवैध धार्मिक स्थलों से हटाए जा रहे अतिक्रमण अभियान को लेकर सोमवार को हरिद्वार कांग्रेस के विधायकों ने जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे और एसएसपी अजय सिंह से उनके कार्यालय पर मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस के हरिद्वार जिले के पांचों विधायकों ने प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान का विरोध किया। करीब 15 मिनट चली बैठक के बाद पांचों विधायक नाराज होकर बाहर आए और डीएम एसएसपी पर आरोप लगाने लगे।
हरिद्वार के ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर ने बताया कि बैठक में हमारी जिलाधिकारी से पहले ही इस विषय पर फोन पर वार्तालाप हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे द्वारा अभी कोई भी धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी लेकिन उसके बावजूद भी मनमाने ढंग से धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की गई। इसी के साथ बैठक में भी जिलाधिकारी ने सही तर्क पेश नहीं किए और अपनी बात से पलटते हुए नजर आए जिसको लेकर हमने बैठक का बहिष्कार किया है।
वहीं हरिद्वार ग्रामीण की विधायक अनुपमा रावत ने कहा कि पौराणिक धार्मिक स्थलों को प्रशासन द्वारा हटाए जाने का अभियान चलाया जा रहा है जिसको लेकर हमें समय दिया गया था कि मंगलवार तक कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी उसके बावजूद लोगों की आस्था से खिलवाड़ करते हुए मनमाने ढंग से प्रशासन ने कार्रवाई की जिसमें किसी भी चाहे जनप्रतिनिधि हो या फिर मंदिर या मजार से जुड़ा व्यक्ति उससे वार्तालाप की गई जोकि सरासर गलत है।
वहीं कलियर के विधायक फुरकान अहमद ने कहां की बैठक में जिस तरह से जिलाधिकारी ने वार्तालाप की वह उनको शोभा नहीं देता, समय से पहले धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की गई और उसके बाद भी धमकी भरे अंदाज में वार्तालाप की गई हैं ।
वहीं जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बड़े ही अच्छे ढंग से वार्तालाप चल रही थी लेकिन बाहर जाकर किस बात को लेकर विधायकों ने विरोध किया ये बात समझ से परे है। हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि धार्मिक स्थलों को लेकर इंटेलिजेंस की तरफ से लगातार रिपोर्टिंग की जा रही थी जिसमें कुछ अराजक तत्व हरिद्वार का माहौल बिगाड़ने की तैयारी कर रहे थे इसी को देखते हुए हमने समय रहते ही अतिक्रमण अभियान को हटाया ।
वहीं उत्तराखंड में मजार जिहाद के खिलाफ सीएम पुष्कर सिंह धामी के अभियान को संत समाज का समर्थन मिल रहा है। महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हो रहा लैंड जेहाद पर प्रहार बधाई के पात्र है, प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम के पीठाधीश्वर प्राचीन महामंडलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश महाराज ने उत्तराखंड सरकार का यह साहसिक कदम बताया है ।
उन्होंने कहा कि मजार जिहाद लैंड जिहाद के रूप में सरकारी सम्पत्तियों पर अवैध मजारों द्वारा अतिक्रम किया गया। जिससे आमजन को बहुत असुविधा हो रही थी। उन्होंने आगे कहा कि हरिद्वार पुलिस प्रशासन द्वारा अवैध मजारों का धवस्तीकरण प्रशंसनीय और साहसिक कदम है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि शहर के सौंदर्य में बाधक मजारें गुंडे, बदमाशों, चोरों के अड्डे बन गए थे। जहां से जिहदी घटनाओं के घटित होने की प्रबल संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार का जिला प्रशासन बधाई का पात्र है। वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओ द्वारा विरोध दर्शाता है कि मुस्लिम तुष्टिकरण की होड़ लगी है। संत समाज देव भूमि का इस्लामीकरण नहीं होने देगा। संत समाज सरकार की इस पहल के साथ खड़े हैं। आवश्यकता इस बात की है, कि कांग्रेसी अपनी मानसिकता सुधारे, वे मुस्लिम वोट बैंक के लालच में सही ग़लत का अंतर भी भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को हम कश्मीर नहीं बनने देंगे।
वहीं स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में रास्ते में निर्मित धार्मिक व व्यावसायिक संचनाओं को हटवाया जा रहा है, पूर्व में जो हिंदू धार्मिक संरचनाओं को भी हटवाया गया था, जैसे सप्तऋषि रोड में भारत माता मंदिर , परमार्थ आश्रम व दुधाधारी आश्रम का अतिक्रमण, सिंह द्वार का हनुमान मंदिर व अतिक्रमण की जद में आए अन्य मंदिर भी हटाए गए जो रास्ते में निर्मित थे ।
उन्होंने कहा कि आर्यनगर में बनी मजार जो रास्ते में बनी थी आम पब्लिक के हित नियमानुसार व सबको सुनकर हटाई गई है, मजार के नाम पर प्रशासन पर दबाव बनाना उचित नहीं है, जो व्यक्ति अनावश्यक रूप से प्रशासन पर दवाब बना रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कांग्रेस विधायकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेजा जाना आवश्यक है।
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