नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 23 मई तक बढ़ा दी गई है। आज इस मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी।
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 23 अप्रैल को मनीष सिसोदिया को 8 मई तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। सीबीआई ने 25 अप्रैल को दाखिल पूरक चार्जशीट में सिसोदिया को आरोपी बनाया है। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया अभी दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं। उन्हें 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर लगे आरोप गंभीर हैं। सीबीआई का आरोप है कि आपराधिक षड्यंत्र में सिसोदिया की सक्रिय भूमिका रही। सिसोदिया आबकारी घोटाले के आपराधिक साजिश के कर्ताधर्ता थे। 90-100 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत सिसोदिया और उनके सहयोगियों को देने के लिए थे। इनमें से 20-30 करोड़ रुपये विजय नायर, अभिषेक बोईनपल्ली और दिनेश अरोड़ा के जरिये पहुंचता था।
सिसोदिया 18 मंत्रालय देख रहे थे
सीबीआई की ओर से दलील देते हुए वकील डीपी सिंह ने कहा था कि सिसोदिया 18 मंत्रालय देख रहे थे। इसमें शिक्षा विभाग के साथ वित्त और आबकारी विभाग भी था। उनको सारी जानकारी थी। सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि भले ही सिसोदिया का देश छोड़कर भागने का खतरा न हो, लेकिन जमानत के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
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