उत्तराखंड में एक बार फिर पाञ्चजन्य की खबर का असर हुआ है। दरअसल, पाञ्चजन्य ने कुछ हफ्ते पहले खबर प्रकाशित की थी कि “जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में किसने बना दी मजारें”? इस खबर के बाद धामी सरकार ने मामले में संज्ञान लिया और एक ही दिन में सात अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया गया।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पर्यटक बाघ देखने आएंगे या मजारें? ये विषय सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं संज्ञान लिया। जिसके बाद कॉर्बेट प्रशासन हरकत में आया और कॉर्बेट के आरक्षित जंगल में बनी सात मजारें ध्वस्त कर दी गई हैं।
इन मजारों को लेकर कॉर्बेट प्रशासन की खासी किरकिरी हो रही थी, क्योंकि जिस जंगल में पैदल चलना मना है। वहां भी मजारें बना दी गईं। ऐसा कैसे, क्यों और कब हुआ? इस पर सवाल उठ रहे थे। उल्लेखनीय है कि जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में देश दुनिया से लाखों पर्यटक बाघ समेत अन्य जीव जंतुओं को देखने आते हैं। ऐसे में यहां बनती मजारों ने राज्य की छवि को भी धूमिल किया।
कॉर्बेट के निदेशक डॉ धीरज के मुताबिक चिन्हित मजहबी संरचनाओं को अतिक्रमण मानते हुए ध्वस्त कर दिया गया है। अतिक्रमण हटाने का काम टाइगर रिजर्व में जारी है। उधर पौड़ी गढ़वाल में कोटद्वार लैंसडाउन हाईवे किनारे एक मजार जंगल की जमीन पर बनी हुई थी, जिसे आज प्रातः ध्वस्त कर दिया गया। इस मजार पर पहले जिला प्रशासन और वन विभाग ने नोटिस चिपका दिया था। मजार राह में बाधक बन रही थी, जिसे प्रशासन ने हटा दिया।
सीएम धामी खुद कर रहे हैं समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रतिदिन वन विभाग और जिला प्रशासन से अतिक्रमण मुक्त अभियान की समीक्षा कर रहे हैं। रोजाना नोडल अधिकारी डॉ पराग धकाते से जानकारी ले रहे हैं। सीएम धामी ने बताया कि उत्तराखंड में मजार जिहाद, जमीन जिहाद की कोई जगह नहीं है। हम अवैध रूप से जमीनों पर कब्जा कर बनाई गई मजारों को ध्वस्त करवा रहे हैं और वन विभाग ने कुछ अन्य धार्मिक स्थलों को भी हटाया है।
क्या कहते हैं नोडल अधिकारी डॉ धकाते
मुख्यमंत्री द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए बनाए गए आईएफएस डॉ पराग मधुकर धकाते ने बताया कि अभी तक 250 से ज्यादा मजारें एक दर्जन अन्य धार्मिक स्थल ध्वस्त किए गए हैं। 60 हैक्टेयर वन भूमि को खाली करवा लिया गया है।
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