उत्तराखंड में 2013 में आई केदारनाथ आपदा के दौरान बह गए गरुड़ चट्टी केदारनाथ मार्ग को पुनः खोले जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस मार्ग के पुनर्निर्माण की डीपीआर शासन को भेज दी गई है।
जानकारी के मुताबिक पीएमओ लगातार केदारनाथ-बद्रीनाथ परिसर के पुनर्निर्माण की समीक्षा कर रहा है। पीएमओ से रिटायर हो चुके भास्कर खुल्बे केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से केदारनाथ के कार्यों के लिए तैनात किए गए हैं, पिछले दिनों पीएमओ में अपर सचिव मंगेश घिल्डियाल भी यहां आए थे और सीएम धामी से मिले थे। इस मुलाकात के बाद केदारनाथ गरुड़ चट्टी पैदल मार्ग के पुनर्निर्माण की चर्चा संभवत: हुई है।
जानकारी के मुताबिक गरुड़ चट्टी से केदारनाथ के बीच करीब पांच किमी का पैदल पथ है, जिसे आपदा के बाद बंद कर दिया गया था। अब इस पथ को पुनः ठीक करने और उसे यात्रियों के आवागमन के लिए खोले जाने की कवायद शुरू हो गई है और इसकी डीपीआर भी बन कर तैयार हो गई है।
पीएम मोदी से भी जुड़ा है इस मार्ग का रिश्ता
जानकारी के मुताबिक अस्सी के दशक में पीएम मोदी राजनीति में आने से पूर्व यहां गरुड़ चट्टी की गुफा में डेढ़ माह तक रहे थे और प्रतिदिन बाबा केदार के दर्शन करने इसी मार्ग से पैदल आया जाया करते थे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी चाहते हैं कि ये मार्ग पुनः अपने स्वरूप में लौट आए।
तीन किमी मार्ग भी है तैयार : डीएम
रुद्रप्रयाग के डीएम मयूर दीक्षित का कहना है कि गरुड चट्टी से केदारनाथ का तीन किमी पैदल आस्था मार्ग बन चुका है। दूसरे चरण में राम बाड़ा से केदारनाथ का मार्ग बनाने की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। इसका डीपीआर बनाकर शासन को भेज दिया गया है। इसमें भू- गर्भीय वैज्ञानिकों की सलाह से काम किया जाएगा।
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