वाराणसी। बदलते परिवेश में लोगों में जिंदगी जीने के मायने भी बदलते जा रहे हैं। पहले जहां मां-बाप की सेवा को दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य माना जाता था। आजकल के बच्चे कहीं-कहीं इसे बोझ मानने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला मिर्जामुराद थाना क्षेत्र चित्रसेनपुर गांव में सामने आया। बुजुर्ग पिता के बुढ़ापे की लाठी 6 बेटे नहीं बन पाए। प्रशासन और पुलिस की टीम ने मकान व तीन बीघे खेत पर बुजुर्ग पिता को कब्जा दिलाया। सभी 6 बेटों को संपत्ति से बेदखल कर दिया गया।
चित्रसेनपुर गांव के लालचंद पटेल उर्फ मुल्लू के 6 बेटे उमाशंकर, चंद्रबली, सूर्यबली, विजय कुमार, ताराशंकर और रमाशंकर हैं। उमाशंकर भदोही में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। बाकी सभी भाई खेती करते हैं। राजातालाब की नायब तहसीलदार, भरण पोषण अधिकारी विनोद कुमार विश्वकर्मा और मिर्जामुराद थाना प्रभारी दीपक कुमार चित्रसेनपुर गांव पहुंचे। विनोद कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि लालचंद पटेल ने अपने बेटों से परेशान होकर कोर्ट में गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि 6 बेटे हैं, लेकिन उनकी देखभाल कोई नहीं करता। मकान के कमरों में ताला बंद कर रखा है। खेत पर भी बेटों का ही कब्जा है।
मामले की जांच कराई गई तो सच सामने आया। बुजुर्ग पिता का भरण-पोषण सही तरीके से नहीं हो रहा है। बेटे बुजुर्ग पिता का ध्यान नहीं देते थे। कोर्ट से आदेश होने के बाद प्रशासन व पुलिस ने बुजुर्ग पिता को कब्जा दिलाया। साथ बेटों को हिदायत दी गई कि व्यवधान पैदा करेंगे तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की कार्रवाई भरण-पोषण एक्ट के सेक्शन 16 के तहत की गई।
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