ऑपरेशन कावेरी के दौरान सूडान से निकाले गए लोगों के लिए जेद्दा में शुरू की गई ट्रांजिट सुविधा शुक्रवार से बंद कर दी गई। वायु सेना ने 24 घंटे का ऑपरेशन चलाकर युद्धग्रस्त सूडान से नॉनस्टॉप उड़ान में आखिरी जत्थे के 192 लोगों को सीधे भारत पहुंचाया। अपनी तरह के इस अनूठे मिशन में वायु सेना ने ग्राउंड ऑपरेशंस की पूरी अवधि के दौरान किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए एयरफील्ड से तुरंत बाहर निकलने के लिए विमान के इंजन को लगातार चालू रखा।
युद्धग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया गया था। सूडान बंदरगाह से जेद्दा तक भारतीयों को लाने के लिए भारतीय नौसेना ने आईएनएस सुमेधा और आईएनएस तेग को तैनात किया गया था। इसके बाद जेद्दा से भारत लाने के लिए वायु सेना ने दो सी-130जे सैन्य परिवहन विमान तैनात कर रखे थे। सूडान से जेद्दा लाये जाने वाले भारतीयों को दूतावास की ओर से इंटरनेशनल इंडियन स्कूल में ठहराने की व्यवस्था की गई थी। भारतीय दूतावास ने आज से यह ट्रांजिट सुविधा बंद कर दी। इस दौरान यहां 3500 से अधिक भारतीयों को ठहराने और फिर भारत भेजने की योजना को अंजाम दिया गया।
जेद्दा में ट्रांजिट सुविधा बंद होने के बाद पता चला कि युद्धग्रस्त सूडान में 192 लोगों का एक समूह अभी भी फंसा है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति थे। यह सभी या तो एनआरआई, विदेशी नागरिक या भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) थे। चूंकि, इन लोगों को जेद्दा में उतरने की अनुमति नहीं थी, इसलिए इन्हें नॉनस्टॉप उड़ान के जरिये सीधे भारत लाने की आवश्यकता थी। इसके लिए वायु सेना ने 03/04 मई की आधी रात को 24 घंटे का एक अनूठा ऑपरेशन लांच किया। भारी जेट सी-17 ग्लोबमास्टर विमान ने हिंडन से सऊदी अरब के जेद्दा में सुबह उतरने के लिए उड़ान भरी।
युद्धग्रस्त सूडान से भारत के लिए नॉनस्टॉप उड़ान भरने के मकसद से जेद्दा में विमान में ईंधन भरा गया। सूडान में ईंधन की अनुपलब्धता और ईंधन भरने में देरी की स्थिति से बचने के लिए विमान ने जेद्दा से अतिरिक्त ईंधन लिया। यह मिशन अपनी तरह का अनूठा था, जिसमें 192 यात्रियों को सीधे भारत लाना था। सूडान में लैंडिंग के बाद वायु सेना ने पूरे ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए एयरफील्ड से तुरंत बाहर निकलने के लिए विमान के इंजन को लगातार चालू रखा।
सूडान से उड़ने पर चालक दल को एक और आपात स्थिति का सामना करना पड़ा, जब यात्रियों में से एक बेहोश हो गया। चालक दल ने उसे कुशलता से संभाला गया और 100% ऑक्सीजन देकर स्थिति सामान्य की। यह विमान 4 मई को देर शाम अहमदाबाद में उतरा और फिर उसी देर रात हिंडन के होम बेस पर उतरा। इस प्रकार वायु सेना के चालक दल ने सूडान में फंसे हुए अंतिम जत्थे को भारत वापस लाने के लिए लगभग 24 घंटे की उड़ान भरकर ऑपरेशन को कामयाब बनाया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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