महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के पद मुक्त होने की घोषणा के बाद महाविकास अघाड़ी फूट के कगार पर पहुंचती जा रही है। महाविकास अघाड़ी ने पूर्व नियोजित साझा सभा (बज्रमूठ सभा) को स्थगित कर दिया है। साथ ही सहयोगी दल एक दूसरे के विरुद्ध मुखर होकर बयानबाजी करने लगे हैं।
शरद पवार के पदमुक्त होने की घोषणा के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि राकांपा किसी भी वक्त महाविकास अघाड़ी से अलग हो सकती है। शरद पवार का पद छोड़ना इसका पहला कदम है।
हालांकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि शरद पवार के पदमुक्त होने से महाविकास अघाड़ी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जो भी नया अध्यक्ष होगा उसके साथ मिलकर काम किया जाएगा। नाना पटोले ने कहा कि महाविकास अघाड़ी की ओर से आयोजित साझा बज्रमूठ सभा बारिश की वजह से स्थगित की गई है। जबकि राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि महाविकास आघाड़ी की बज्रमूठ सभा गर्मी की वजह से स्थगित कर दी गई है।
इतना ही नहीं महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच भी तनातनी देखी गई है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राऊत के विरुद्ध नाना पटोले ने तीखा बयान दिया है। नाना पटोले ने कहा कि संजय राऊत को कांग्रेस पार्टी के बारे में बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार का देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जबकि संजय राऊत हमेशा कांग्रेस पार्टी को लेकर उलजुलूल बयानबाजी करते रहते हैं। नाना पटोले ने कहा कि संजय राऊत कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नहीं है, इसलिए उन्हें इससे बाज आना चाहिए।
इस पर संजय राऊत ने कहा कि नाना पटोले को कांग्रेस पार्टी में कोई नहीं पूछता है। वे सीधे राहुल गांधी से बात करते हैं।
वहीं राष्ट्रवादी पार्टी के नेता और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष इससे पहले संजय राऊत को फटकार लगा चुके हैं। अजीत पवार ने संजय राऊत को कहा था कि राकांपा के बारे में वे बयानबाजी न करें। राकांपा की जानकारी पत्रकारों तक पहुंचाने के लिए अपना खुद का प्रवक्ता है। इस तरह महाविकास आघाड़ी में मतभेद दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जिसे देखते हुए अभी से फूट की संभावनाएं जताई जाने लगी हैं।
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