केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि का इंजन बनना और दुनिया के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के समाधान में मदद करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 की अध्यक्षता उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण चरण में आई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नए सिरे से स्वयं को स्थापित करने के लिए तीन साल काफी महत्वपूर्ण है।
सीतारमण ने मंगलवार को सियोल में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पर केवल सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर ही नहीं, बल्कि जिस तरह इसने कोरोना महामारी को संभाला है। आर्थिक पुनरुद्धार को आगे बढ़ाया है, उसके कारण भी दुनिया के देशों की नजर उस पर है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में मंदी की आशंका है। वहीं, उन देशों के केंद्रीय बैंक महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दर बढ़ा रहे हैं।
वित्त मंत्री इससे पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एडीबी जलवायु को लेकर सस्ती दर पर और वित्त पोषण के साथ भारत का समर्थन करे। इससे देश की प्रगति का क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर काफी सकारात्मक असर पड़ सकता है। सीतारमण ने कहा कि भारत एडीबी की सरकारी समेत सभी प्रकार की गतिविधियों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण देश है।
उल्लेखनीय है कि भारत वर्तमान में विकासशील और विकसित देशों के समूह जी-20 का अध्यक्ष है। भारत ने अध्यक्षता इंडोनेशिया से ग्रहण की है, जिसे वर्ष के अंत में ब्राजील को सौंप देगा। वित्त मंत्री एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की 56वीं वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण कोरिया की चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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