बिहार के सबसे प्रतिष्ठित महिला महाविद्यालय में रैगिंग, आपसी मारपीट इत्यादि घटनाओं पर महाविद्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़िता को मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा, तब जाकर न्याय मिला है। यह मामला पटना विमेंस कॉलेज का है।
पटना विमेंस कॉलेज में 8 महीने बाद बीए प्रथम वर्ष की छात्रा को एक मामले में न्याय मिला है। बता दें कि 29 अगस्त, 2022 को पीड़िता के साथ बीए 5वें सेमेस्टर की 13 छात्राओं ने रैगिंग और मारपीट की थी। मुख्य अभियुक्त है अलशिफा इमाम। पीड़िता ने इस घटना की शिकायत प्राचार्या और कॉलेज के एंटी रैगिंग कमिटी से की। लेकिन आरोपी छात्राओं के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक तथा दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई।
इधर पीड़ित छात्रा को लगातार ताने मिलते रहे। पीड़ित छात्रा की मां द्वारा भी कई बार शिक्षिकाओं और प्राचार्या को इसकी जानकारी दी गई लेकिन ना तो आरोपी छात्राओं के अभिभावकों के साथ कोई बैठक की गई और न ही इन छात्राओं के साथ कोई बातचीत हुई। एक प्रकार से इस मामले को दबा ही दिया गया। हालांकि कॉलेज प्रशासन इसे गलत बताता है। इस मामले में कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह आपसी मारपीट का मामला है। बताया जाता है कि कॉलेज प्रशासन ने इस संबंध में बातचीत की थी और मामला सुलझा लिया गया था। लेकिन पीड़िता का कहना है कि कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पीड़िता के अनुसार उसने सीसीटीवी फुटेज के अनुसार कार्रवाई करने की मांग की, लेकिन कॉलेज प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। हार कर पीड़िता ने 4 सितंबर , 2022 को आरोपी छात्राओं पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कोतवाली थाने में एक आवेदन दिया, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। इसके बाद पटना के एसएसपी, डीएसपी से भी गुहार लगाई गई, फिर भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। अंततः पीड़िता न्यायालय की शरण में गई।
पीड़िता ने पूरे साक्ष्य के साथ पटना सिविल कोर्ट में कुल 18 व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दायर किया, जिसमें 10 छात्राओं के अलावा कॉलेज की प्राचार्या, उप प्राचार्या एवं एंटी रैगिंग कमिटी के सदस्यों का नाम दिया गया। इसके बाद अदालत के निर्देश पर अलशिफा इमाम एवं अन्य संबंधित लोगों पर मामला दर्ज किया गया। अब न्यायालय द्वारा मुख्य अभियुक्त अलशिफा इमाम के विरुद्ध संज्ञान लिया गया है। बाकी अन्य आरोपियों के विरुद्ध संज्ञान लेने की कार्रवाई चल रही है। अलशिफा को पटना जिला न्यायालय में सशरीर उपस्थित होने का आदेश मिला है।
बिहार का पहला महिला महाविद्यालय है
पटना विमेंस कॉलेज बिहार का पहला महिला महाविद्यालय है। इसकी स्थापना 1940 में पटना के बिशप बी. जे. सुल्लीवन एसजे और माता एम जोसेफिन एसी द्वारा की गई थी। 1952 में यह पटना विश्वविद्यालय का अंगीभूत कॉलेज बना। बिहार के कुछेक कॉलेज को ही नेक से ए ग्रेड मिला है। उसमें एक यह कॉलेज भी है। इस अल्पसंख्यक संस्थान से कई प्रमुख हस्तियां जुड़ी हैं। बिहार सरकार द्वारा इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा भी की जा चुकी है। वर्तमान में इस कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सिस्टर एम रश्मि एसी हैं। पटना विमेंस कॉलेज एक स्वायत्तशासी संस्थान है। पटना विश्वविद्यालय के सभी नियम यहां मान्य नहीं हैं। 2015 में भी महिला उत्पीड़न के मामले को लेकर यह कॉलेज चर्चा में आया था।
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