सोशल मीडिया और प्रामाणिकता का मुद्दा
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सोशल मीडिया और प्रामाणिकता का मुद्दा

सोशल मीडिया कन्टेंट की प्रामाणिकता पर संदेह रहता है क्योंकि एक तो हर कन्टेंट प्रदाता प्रशिक्षित नहीं होता, दूसरे उसे सार्वजनिक माध्यम के उत्तरदायित्वों एवं मर्यादा की जानकारी नहीं होती

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Apr 29, 2023, 09:51 pm IST
in भारत, सोशल मीडिया
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सूचनाएं प्रसारित करने वाले अधिकांश लोग प्रशिक्षित कन्टेन्ट निर्माता या पत्रकार नहीं होते। इनमें से अधिकांश को किसी सार्वजनिक माध्यम के प्रयोग से संबंधित उत्तरदायित्वों और मर्यादा की जानकारी नहीं होती।

सोशल मीडिया पर प्रसारित सामग्री की प्रामाणिकता पर अक्सर संदेह प्रकट किया जाता है। पारंपरिक मीडिया की तरह यहां संपादकीय छानबीन, तथ्यों की जांच या संपादन की व्यवस्था नहीं होती और न ही सूचना के स्रोतों का उल्लेख करने की अनिवार्यता है। सूचनाएं प्रसारित करने वाले अधिकांश लोग प्रशिक्षित कन्टेन्ट निर्माता या पत्रकार नहीं होते। इनमें से अधिकांश को किसी सार्वजनिक माध्यम के प्रयोग से संबंधित उत्तरदायित्वों और मर्यादा की जानकारी नहीं होती।

सोशल मीडिया मंचों पर प्रसारित सूचनाएं अक्सर विषय के छोटे भाग पर ही केंद्रित रहती हैं, वे अपने-आप में पूर्ण नहीं होतीं। पारंपरिक मीडिया की तुलना में सोशल मीडिया कन्टेन्ट में गहराई की कमी देखी जाती है। एक तो इन माध्यमों पर लोग सूचनाओं को छोटे कैप्सूल के रूप में ग्रहण करना ज्यादा पसंद करते हैं और दूसरे सूचना पोस्ट करने के लिए कोई पूर्व-योग्यता नहीं है। इसलिए पाठक और लेखक दोनों ही स्तरों पर सीमाएं आड़े आ जाती हैं। किसी घटना या विषय पर दी गई सूचनाओं के ये छोटे कैप्सूल नाकाफी तो हैं ही, ये एकतरफा, असत्य और त्रुटिपूर्ण भी हो सकते हैं। ऐसे में पाठक का दायित्व बन जाता है कि वह अनेक स्रोतों से सूचना इकट्ठी करके अपने मस्तिष्क में खुद उस घटना या विषय का पूरा चित्र बनाए। अक्सर लोगों के पास इसके लिए आवश्यक योग्यता, समय या संसाधन नहीं होते और ऐसे में वे एक सीमित दायरे में प्रसारित सूचनाओं पर निर्भर रहने लगते हैं और इसके परिणामस्वरूप उनसे प्रभावित भी होने लगते हैं।

सोशल मीडिया के तकनीकी पक्षों पर भी गौर किया जाना चाहिए। यहां सूचनाएं पोस्ट करना सामान्य प्रयोक्ता के हाथ में है लेकिन उन्हें लोगों तक कैसे पहुंचाया जाएगा, इस पर उनका नियंत्रण नहीं है। कौन-सी सूचना किस वर्ग के पाठकों, श्रोताओं या दर्शकों तक पहुंचेगी, इसका निर्धारण कई फिल्टर्स के आधार पर किया जाता है। संबंधित सोशल मीडिया मंच (जैसे ट्विटर, फेसबुक, इन्स्टाग्राम, यूट्यूब आदि) कन्टेन्ट के प्रसारण के लिए अपने एल्गोरिद्म (तकनीकी गणनाओं तथा सूत्रों) का इस्तेमाल करते हैं- मसलन यह कि फलां कन्टेन्ट किस आयु वर्ग, किस लिंग, किस स्थान, किस व्यावसायिक पृष्ठभूमि आदि के लोगों को भेजना है।

यहां पर स्तरीय, तथ्यपूर्ण, प्रामाणिक कन्टेन्ट को प्रमोट किया जाए, इसके विपरीत कन्टेन्ट प्रमोट तथा लोकप्रिय हो जाए, यह बहुत संभव है। किसी कन्टेन्ट को लोकप्रिय बनाने के लिए बॉट्स, ट्रोल्स और पेड इन्फ्लुएंसर्स का भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में यहां पर लोकप्रियता का संबंध गुणवत्ता हो, यह आवश्यक नहीं।

इसी तरह से, कन्टेन्ट के भीतर किन शब्दों का प्रयोग हुआ है, विषय कितना सामयिक व लोकप्रिय है तथा उसे देखने वालों के बीच क्या रुझान प्रतीत हो रहा है (लोगों की प्रतिक्रियाएं, संख्या) आदि का भी स्वचालित ढंग से तकनीकी विश्लेषण किया जाता है और उसके आधार पर संबंधित माध्यम पर मौजूद अथाह सामग्रियों का समायोजन चलता रहता है तथा उसकी वरीयताएं बदलती रहती हैं।

मशीनी आधार पर किसी कन्टेन्ट की गुणवत्ता, उसके लोकप्रिय होने की क्षमता और व्यावसायिक अनुकूलता जांचे जाने के दोनों ही पहलू हैं- हो सकता है कि वह कन्टेन्ट सचमुच उपयुक्त लोगों तक पहुंचाया जाए और यह भी हो सकता है कि सोशल मीडिया मंच अपने लाभ (विज्ञापनों के लिए अनुकूलता आदि) के लिए उसे किसी अन्य वर्ग तक पहुंचा दे। आवश्यक नहीं कि यहां पर स्तरीय, तथ्यपूर्ण, प्रामाणिक कन्टेन्ट को प्रमोट किया जाए, इसके विपरीत कन्टेन्ट प्रमोट तथा लोकप्रिय हो जाए, यह बहुत संभव है। किसी कन्टेन्ट को लोकप्रिय बनाने के लिए बॉट्स, ट्रोल्स और पेड इन्फ्लुएंसर्स का भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में यहां पर लोकप्रियता का संबंध गुणवत्ता हो, यह आवश्यक नहीं।
(लेखक माइक्रोसॉफ़्ट में निदेशक- भारतीय भाषाएं
और सुगम्यता के पद पर कार्यरत हैं)।

Topics: सोशल मीडिया के तकनीकीसोशल मीडिया कन्टेन्टट्विटरबॉट्सTwitterट्रोल्स और पेड इन्फ्लुएंसर्सइन्स्टाग्रामTechnology of Social MediaफेसबुकSocial Media ContentyoutubeTrolls and Paid Influencersयूट्यूबSocial Media and the Issue of Authenticityfacebookinstagrambots
Share11TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

रील्स और शॉर्ट्स का चस्का क्यों लगता है? जानिए इसके पीछे की वजह

Love Jihad

लव जिहाद: मुबस्सीर ने फर्जी ID से हिंदू युवती को फंसाया, मंदिर में शादी, धर्मांतरण का दबाव

फवाद खान

पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ भारत में बैन, यूट्यूब से हटाए गए गाने

सख्ती जरूरी, कार्रवाई आवश्यक

ऑनलाइन कंटेंट की अराजकता और समाज

CM Yogi Aadityanath UP Budget Sanatan Dharama

 महाकुंभ को बदनाम करने वाले 101 सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies