श्री काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। विश्वनाथ धाम में चार प्रमखु द्वार है। मंदिर प्रशासन गंगा द्वार को प्रोत्साहित कर रहा है। ताकि शहर के अंदर लगने वाले जाम से बचा जा सके। मंदिर प्रशासन द्वारा गंगा द्वार के पास ही भव्य नित्य गंगा आरती की व्यवस्था को लेकर योजना बनाई जा रही है। काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालु गंगा आरती के सुखद नयनाभिराम दृश्य को भी अपने हृदय में समाहित कर सकेंगे।
बाबा के गर्भगृह से गंगा द्वार तक अनेक सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। गंगा द्वार पर ही दूध पार्लर भी खुला है। बाबा के दुग्धाभिषेक को सामग्री आसानी से मिल जाती है। गंगा दर्शन रेस्टोरेंट भी बनकर तैयार हो चुका है। बुक स्टॉल, बैंक समेत अन्य सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है। गंगा आरती के समय दशाश्वमेध मार्ग, गोदौलिया से चौक मार्ग पर अक्सर भीषण जाम की स्थिति बनी रहती है। गंगा द्वार पर आरती प्रारंभ होने से भक्त जलयान से आरती में शामिल हो सकेंगे।
नमो घाट से श्रद्धालु कुछ ही मिनटों में गंगा द्वार पहुंच जाएंगे। गंगा आरती स्थल ऊंचाई पर होने के कारण गंगा की गोद से आसानी से आरती को देखा जा सकेगा। जलयान, छोटे नावों पर सवार होकर भक्त गंगा आरती के साक्षी बनेंगे। जलयान के समय, ई – बसों को भी सुविधा के लिए जोड़ा जा रहा है। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि गंगा द्वार पर आरती की योजना पर कार्य चल रहा है। शहर के आवागमन को सुगम बनाने के लिए अच्छी पहल होगी।
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