व्यापार के सिलसिले में सूडान गए भोपाल के बैरागढ़ निवासी कारोबारी जयंत केवलानी की 11 दिन गृह युद्ध के बीच फंसे रहने के बाद सकुशल वापसी हो गई है। वह गुरुवार सुबह भोपाल पहुंचे। यहां राजाभोज एयरपोर्ट से जब वे बाहर निकले तो परिजन खुशी से झूम उठे। पिता नरेंद्र केवलानी ने बेटे को गले लगाया और घर में उनका फूलों से स्वागत किया गया। जयंत के परिजनों ने उनकी सकुशल वापसी के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।
दरअसल, सूडान में तख्तापलट के लिए मिलिट्री और पैरामिलिट्री की लड़ाई के बीच सूडान की राजधानी खार्तूम में कई भारतीय फंस गए थे। इनमें भोपाल के 23 साल के युवा कारोबारी जयंत केवलानी भी थे। जयंत चना और तुअर दाल का आयात-निर्यात करते हैं। इसी सिलसिले में वे सूडान गए थे। जयंत युद्धग्रस्त सूडान में 11 दिन तक फंसे रहे। उन्हें दूसरे भारतीयों के साथ दो दिन पहले जेद्दाह (सऊदी अरब) लाया गया और इसके बाद बुधवार रात उन्हें जेद्दाह से दिल्ली पहुंचाया गया। जयंत गुरुवार सुबह दिल्ली से विमान द्वारा भोपाल पहुंचे।
यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि युद्धग्रस्त सूडान की राजधानी खार्तून में वे जहां रह रहे थे, उसके ठीक सामने मिलिट्री कैंप था। घर में ही कैद थे। बाहर नहीं निकल सकते थे। गन शॉट की आवाजें आती थीं, दहशत में थे। वहां खाने-पीने की भी कमी हो गई थी।
जयंत ने बताया कि वे 20 मार्च को कारोबार के सिलसिले में सूडान गए थे। एक महीने रुकना था और 20 अप्रैल को उनकी वापसी थी। इस बीच 15 अप्रैल को युद्ध शुरू हो गया। शुरुआती पांच दिन तो बहुत दिक्कतें आईं, इसके बाद हमारी आवाज बाहर सरकार तक पहुंची। अब हम अपने देश आ गए हैं। खार्तूम में मैं अमारादेरिया में रुका था। खाने-पीने की भी थोड़ी दिक्कतें आईं। खार्तूम में जहां मिलिट्री कैंप था, लड़ाई चल रही थी, वहां बाहर का तो कुछ देखने को नहीं मिलता था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत सूडान में फंसे भारतीयों को बाहर निकाला है। सभी को सूडान पोर्ट से सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंचाया गया। कुछ को एयरक्राफ्ट से भी जेद्दाह लाया गया। इन्हें एयरलिफ्ट कर भारत लाया गया। जयंत दिल्ली होते हुए भोपाल पहुंचे। यहां राजा भोज विमानतल पर जयंत के परिजनों और मित्रों ने उनका स्वागत किया। जयंत के सुरक्षित वापस लौटने से केवलानी परिवार की खुशियां लौट आई। जयंत की मां तमन्ना, बहन वंशिका एवं दादा गिरधारीलाल के मुरझाए चेहरे खिल उठे। परिवार ने जयंत के लौटने की खुशी में मिठाई बांटी। पिता नरेन्द्र ने कहा कि परमात्मा ने हमारी पुकार सुन ली। जयंत ने सूडान से सुरक्षित वापसी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा मप्र सरकार का भी शुक्रिया अदा किया।
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने जाना जयंत का हाल
सूडान से लौटे जयंत का घर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के ही क्षेत्र में है। अपने क्षेत्र के बेटे को वापस लाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर विदेश मंत्रालय तक बात की। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि पूरे विश्व में आज भारत का डंका बज रहा है। यूक्रेन हो या फिर सूडान, सरकार ने हर मुश्किल में भारतीयों को वहां से बाहर निकाला है। बेटे की घर वापसी से खुश परिवार ने भी भाजपा विधायक का शुक्रिया अदा किया।
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