राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने कालियागंज में नाबालिक लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपों की जांच में सहयोग नहीं करने पर राज्य प्रशासन के तीन अधिकारियों को दिल्ली तलब किया है। आयोग ने नॉर्थ बंगाल के आईजी देवेंद्र प्रताप सिंह, नॉर्थ दिनाजपुर की एसपी सना अख्तर और जिलाधिकारी अरविंद कुमार मीणा को पांच मई को दिल्ली तलब किया है।
आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने गुरुवार को कहा कि अगर वे उस दिन पेश नहीं होते हैं तो आयोग के संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग ने उत्तर बंगाल के आईजी, उत्तर दिनाजपुर के एसपी और जिलाधिकारी को तलब किया है। उन्हें पांच मई को पेश होना है। अगर वे पेश नहीं होते हैं तो आयोग उनके खिलाफ समन जारी करेगा। आयोग उन्हें गिरफ्तार कर पेश करेगा। वहीं कालियागंज थाने के आईजी, घटना के जांच अधिकारी और उत्तर दिनाजपुर की एसपी सना अख्तर को आयोग ने निलंबित करने की भी सिफारिश की है।
दरअसल 23 अप्रैल को राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर कालियागंज में घटना की जांच के लिए पहुंचे थे। आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें बाधा पहुंचाई और धमकी दी गई। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वे देश में कहीं भी अनुसूचित जाति के खिलाफ अत्याचार के आरोपों की जांच कर सकते हैं। उनके पास न्यायिक शक्तियां भी हैं। प्रोटोकॉल के अनुसार जब आयोग का कोई सदस्य किसी घटना की जांच करने जाता है तो उसके साथ जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक होते हैं लेकिन इनमें से कोई भी कालियागंज में नहीं मिला। उन्होंने कहा कि दिल्ली से राष्ट्रीय आयोग पहुंच गया है और जांच अधिकारी अभी तक घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके हैं।
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