अफ्रीकी देश केन्या में एक पादरी की बर्बरता के उजागर होने के साथ उजागर हुईं ‘जीसस के मतवालों’ की एक के बाद एक लाशें निकलनी जारी हैं। हालत यह हो गई है कि वहां मुर्दाघर भर चुका है, लाशें रखनी की जगह नहीं बची है, इसलिए सरकार ने खोज अभियान को फिलहाल रोक दिया है। मीडिया में आए एक समाचार के अनुसार, अभी तक उस ‘चर्च’ के अहाते से 90 से ज्यादा लाशें निकाली जा चुकी हैं। ये लाशें पादरी के कहने पर भूखे रहकर जीसस से मिलने की तमन्ना लेकर ‘खुदकुशी’ करने वालों की हैं।
केन्या के किलिफी काउंटी क्षेत्र में शाकाहोला गांव में फादर पॉल माकेन्ज़ी नथेन्गे ‘गुड न्यूज इंटरनेशनल चर्च’ का कर्ताधर्ता है। उसने गांव के कितने मासूम लोगों को यह कहकर कई दिन भूखा रहने को उकसाया कि ‘अगर तुम भूखे रहोगे तो वह उन्हें यीशु से मिलवा देगा’।
पादरी पॉल माकेन्ज़ी नथेन्गे के जीसस के नाम पर प्रारित किए गए इस अंधविश्वास के झांसे में कितने ही लोग आ गए। उन्होंने पादरी के ही ‘घर’ में एक कमरे में भूखे रहना शुरू कर दिया। लेकिन जब धीरे धीरे करके दर्जनों गांव वाले गायब हो गए तब हड़कम्प मचा और तहकीकात की गई। पादरी से सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने एक जगह बताई जहां पुलिस को चार लोग मरे मिले तो 11 ऐसे मिले जिनकी जान निकलने को थी। भूखे रहने वालों में किशोर और महिलाएं भी थीं।
केन्या के गृह मंत्री किथुरे किंडिकी ने कहा है कि ‘बता नहीं सकते कि और कितनी कब्रें और शव बरामद होंगे। जिसने लोगों से कहा था-भूखे रहो, वह खुद आराम से खा-पी रहा था’। किंडिकी ने शाकाहोला जंगल के करीब 800 एकड़ इलाके को ‘अपराधस्थल’ के तौर पर चिन्हित कर दिया है।
प्रशासन ने फिर संदेह के आधार पर ‘चर्च’ के अहाते की खुदाई करवाई तो वहां से एक के बाद एक शव मिलते गए। अब तो मरने वालों की तादाद बढ़कर 90 पर पहुंच गई। यानी मामला तो बेहद उलझा हुआ निकला। पुलिस ने शाकाहोला के पास वाले जंगल से भी कई लोगों के शव खोदकर निकाले हैं। लेकिन कल प्रशासन ने जांच अधिकारियों को शवों को निकालने का काम कुछ वक्त के लिए रोकने को कहा है। कारण, मुर्दाघर में अब शवों को रखने की जगह ही नहीं बची है।
शाकाहोला के जंगल में सामूहिक कब्रें मिलने से केन्या के लोग हैरान हैं। माना जाता है कि अभी तो और भी शव निकलेंगे। कल ही 17 शव जमीन से निकाले गए हैं। अधिकारियों ने इस मामले को ‘शाकाहोला वन नरसंहार’ नाम दिया है। पूरे देश में इस बर्बर घटना की चर्चा चल रही है। देशी—विदेश टीवी चैनलों पर इसके समाचार दिखाए जा रहे हैं।
ताजा जानकारी के अनुसार, केन्या सरकार ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए, देशभर में ईसाई कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने का फैसला किया है। केन्या के गृह मंत्री किथुरे किंडिकी ने कहा है कि ‘बता नहीं सकते कि और कितनी कब्रें और शव बरामद होंगे। जिसने लोगों से कहा था—भूखे रहो, वह खुद आराम से खा-पी रहा था’। किंडिकी ने शाकाहोला जंगल के करीब 800 एकड़ इलाके को ‘अपराधस्थल’ के तौर पर चिन्हित कर दिया है। घटना की जांच में लगे लोगों का कहना है कि ‘जीसस के लिए’ भूखे मरने वालों में बड़ी संख्या में बच्चे भी हैं। उनके माता-पिता चाहते थे कि वे भी ‘जीसस से मिलें’।
बताया गया है कि पादरी पॉल माकेन्ज़ी फिलहाल पुलिस की हिरासत में है। पुलिस पता लगा रही है कि आखिर उसने किस उद्देश्य से लोगों को इस तरह बरगलाया था।
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