बाल साहित्य पढ़ने में भले आसान लगता है किंतु इसकी रचना करना कठिन होता है
गत दिनों अप्रैल में इंदौर में वरिष्ठ लेखिका प्रेम मंगल की बाल कविताओं के संग्रह ‘मेहेर’ का लोकार्पण हुआ। संस्मय प्रकाशन द्वारा आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि पोस्ट मास्टर जनरल बृजेश कुमार ने कहा कि आज के दौर में बच्चों के लिए और ज्यादा रचनाएं लिखने की जरूरत है।
बाल साहित्य पढ़ने में भले आसान लगता है किंतु इसकी रचना करना कठिन होता है। विशेष अतिथि सहायक निदेशक (डाक) राजेश कुमावत ने अपने वक्तव्य में कहा कि कवि शब्द शिल्पी होता है, जो कल्पना से मूर्ति गढ़ता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ‘देवपुत्र’ के कार्यकारी संपादक गोपाल माहेश्वरी ने की। उन्होंने कहा कि भारत में कवि परंपरा ऋषि परम्परा है, जो मनुष्य है, जो भाव-युक्त है उसके भीतर कवित्व मौजूद है।
बाल साहित्य पढ़ने में भले आसान लगता है किंतु इसकी रचना करना कठिन होता है। विशेष अतिथि सहायक निदेशक (डाक) राजेश कुमावत ने अपने वक्तव्य में कहा कि कवि शब्द शिल्पी होता है, जो कल्पना से मूर्ति गढ़ता है। कार्यक्रम में लेखिका प्रेम मंगल को ‘दीया मेरी भावना’ पुस्तक के लिए ‘संस्मय सम्मान 2022’ से सम्मानित किया गया।
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