दिल्ली के नागरिकों में एक धारणा यह बन रही है कि अरविंद केजरीवाल को पद का बहुत घमंड होता जा रहा है। बता दें कि 15 अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन में अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ‘‘अगर केजरीवाल भ्रष्टाचारी है तो इस दुनिया में कोई भी ईमानदार नहीं है।’’ इस बयान को लोग पसंद नहीं कर रहे।
गत 18 अप्रैल की दोपहर कड़ी धूप में नई दिल्ली में गोल मार्केट के पास एक पेड़ के नीचे खड़े कुछ लोग राजनीति पर चर्चा कर रहे थे। इनमें ज्यादातर लोग टैक्सी या आटो चालक थे। इनमें कुछ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ कर रहे थे, तो अधिकांश लोग उन्हें भ्रष्टाचारी बता रहे थे। बातचीत के दौरान प्रेम तिवारी नामक एक चालक कहने लगा, ‘‘अब अरविंद केजरीवाल अपनी ईमानदारी का ढोल चाहे जितना ही पीट लें, उनका असली चेहरा सामने आने लगा है।’’ उसका इशारा दिल्ली के आबकारी घोटाले की ओर था, जिसमें दो दिन पहले ही केजरीवाल से सीबीआई ने पूछताछ की थी।
इन लोगों की बात से यह भी पता चला कि दिल्ली के नागरिकों में एक धारणा यह बन रही है कि अरविंद केजरीवाल को पद का बहुत घमंड होता जा रहा है। बता दें कि 15 अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन में अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ‘‘अगर केजरीवाल भ्रष्टाचारी है तो इस दुनिया में कोई भी ईमानदार नहीं है।’’ इस बयान को लोग पसंद नहीं कर रहे। यहां तक कि जिन आटो चालकों ने कभी केजरीवाल को सिर-माथे बैठाया था, उन्हें भी उनका यह बयान ठीक नहीं लगा। कुल मिलाकर एक बात तो स्पष्ट है कि अब आम लोगों में केजरीवाल की वह छवि नहीं रही, जिसका वे दावा करते हैं। स्वयं केजरीवाल को यह बखूबी पता है। शायद इसके लिए वे जांच एजेंसियों को जिम्मेदार मानते हैं। यही कारण है कि वे जांच एजेंसियों को एक प्रकार से धमका भी रहे हैं।
15 अप्रैल के संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने यह भी कहा, ‘‘सीबीआई और ईडी एक साल से आबकारी नीति की जांच कर रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला। हम झूठे सबूत गढ़ने और अदालत में झूठा साक्ष्य प्रस्तुत करने के विरुद्ध सीबीआई और ईडी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा करेंगे।’’ इस बयान के जरिए उन्होंने सीबीआई पर दबाव डालने का प्रयास किया कि सीबीआई उन्हें आबकारी घोटाले पर पूछताछ के लिए बुलाने का विचार छोड़ दे। लेकिन सीबीआई पर उनके बयानों का कोई असर नहीं हुआ। हां, इस बयान को लेकर केजरीवाल पर सोशल मीडिया में तरह-तरह के तंज कसे गए। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया, ‘‘दोषी पाए जाने पर आम आदमी पार्टी के नेता अदालत पर भी मुकदमा करेंगे।’’
कानून के जानकार इस सारे घटनाक्रम को केजरीवाल के लिए ठीक नहीं मान रहे। आबकारी नीति को लेकर अब तक कई आरोपियों ने धारा 164 के अंतर्गत अपने बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए हैं। इन बयानों को ठोस सबूत माना जाता है। सर्वोच्च न्यायालय के ही एक अन्य अधिवक्ता संजय कुमार मिश्रा दो कदम आगे की बात करते हैं। वे कहते हैं, ‘‘अरविंद केजरीवाल अच्छी तरह जानते हैं कि अब उनके साथ क्या होने वाला है। इसलिए लोगों को भरमाने के लिए वे अपने को दुनिया का सबसे ईमानदार व्यक्ति बताते हैं।’’
खूब की नौटंकी
16 अप्रैल को पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय जाने से पहले अरविंद केजरीवाल महात्मा गांधी के समाधिस्थल राजघाट पहुंचे। इसे दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा नौटंकी मानते हुए कहते हैं, ‘‘केजरीवाल को महात्मा गांधी तभी याद आते हैं जब वे किसी मामले में फंसते हैं। सच तो यह है कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री सचिवालय और अपने कार्यालय से महात्मा गांधी के चित्र को बाहर कर दिया है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जब तक केजरीवाल जेल नहीं जाते, तब तक भाजपा के कार्यकर्ता अपना संघर्ष जारी रखेंगे।’’ जो स्थितियां बन रही हैं, उनमें यह कहा जाने लगा है कि अब केजरीवाल ज्यादा दिन मुख्यमंत्री नहीं रह पाएंगे।
सीबीआई ने 16 अप्रैल को केजरीवाल से नौ घंटे तक पूछताछ की। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अनुपम राज कहते हैं, ‘‘कोई पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही जांच एजेंसियां किसी को पूछताछ के लिए बुलाती हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि अरविंद केजरीवाल आज नहीं तो कल गिरफ्तार हो सकते हैं।’’ पूछताछ में केजरीवाल से आबकारी नीति बनाने की प्रक्रिया से लेकर उसके क्रियान्वयन में हुई गड़बड़ियों के बारे में प्रश्न पूछे गए। इनमें एक सवाल विजय नायर के साथ संबंधों को लेकर भी था। विजय नायर की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल ने कहा था कि वह आम आदमी पार्टी का एक छोटा-सा कार्यकर्ता था। लेकिन ईडी ने अपने आरोपपत्र में विजय नायर को केजरीवाल का बेहद करीबी बताया है। आरोपपत्र में कहा गया है कि विजय नायर मुख्यमंत्री के आवास पर स्थित कैंप आॅफिस में काम करता था और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के सरकारी आवास में रहता था, जबकि गहलोत अपने निजी आवास में रहते हैं। आबकारी घोटाले में सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने भी मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में अरविंद केजरीवाल और विजय नायर के संबंधों के बारे में काफी जानकारी दी है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आरोप है कि दिल्ली सरकार द्वारा आबकारी नीति 2021-22 को लागू करते समय अनियमितता बरती गई और लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। इस नीति में दिल्ली में शराब बेचने की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी गई। लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया। इससे सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस मामले में सीबीआई ने एक आरोपपत्र और इससे जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं। इनमें एक पूरक आरोपपत्र है।
आरोपपत्र में नाम
हालांकि आबकारी नीति को लेकर ईडी और सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज कराई है, उनमें कहीं अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं है। लेकिन जांच के दौरान एक आरोपित और गवाह के बयान में अरविंद केजरीवाल का नाम सामने आया है। जांच के बाद ईडी ने न्यायालय में जो आरोपपत्र दाखिल किया है, उसमें दो जगह पर अरविंद केजरीवाल का उल्लेख है। ईडी के आरोपपत्र में आबकारी घोटाले में गिरफ्तार इंडो स्प्रिट के मालिक समीर महेंद्रू का बयान दर्ज है। उसके अनुसार, ‘‘उसके कहने पर विजय नायर ने अरविंद केजरीवाल से मिलने का समय तय करने की कोशिश की थी, लेकिन केजरीवाल की व्यस्तता से ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद विजय ने ‘फेसटाइम’ पर ‘वीडियो कॉल’ करके केजरीवाल से बात की। उस दौरान केजरीवाल ने विजय को अपना आदमी बताया था और उसके साथ काम करने की सलाह दी थी।’’
ईडी के आरोपपत्र में दूसरी जगह भी केजरीवाल का उल्लेख है। मनीष सिसोदिया के सहायक सी. अरविंद ने अपने बयान में सिसोदिया द्वारा मार्च, 2021 में मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाए जाने की बात कही है, जहां सिसोदिया के साथ केजरीवाल और सत्येंद्र जैन उपस्थित थे। उनके सामने ही सिसोदिया ने 30 पन्नों का नोट सौंपा था और उसी के आधार पर मंत्रिमंडलीय समूह की रपट तैयार करने का निर्देश दिया था। इसी में पहली बार थोक विक्रेताओं को 12 प्रतिशत लाभ देने की बात की गई थी।
कानून के जानकार इस सारे घटनाक्रम को केजरीवाल के लिए ठीक नहीं मान रहे। आबकारी नीति को लेकर अब तक कई आरोपियों ने धारा 164 के अंतर्गत अपने बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए हैं। इन बयानों को ठोस सबूत माना जाता है। सर्वोच्च न्यायालय के ही एक अन्य अधिवक्ता संजय कुमार मिश्रा दो कदम आगे की बात करते हैं। वे कहते हैं, ‘‘अरविंद केजरीवाल अच्छी तरह जानते हैं कि अब उनके साथ क्या होने वाला है। इसलिए लोगों को भरमाने के लिए वे अपने को दुनिया का सबसे ईमानदार व्यक्ति बताते हैं।’’
अब यह भी कहा जा रहा है कि सीबीआई जरूरत पड़ने पर केजरीवाल को दुबारा भी बुला सकती है। इसका संदेश क्या है, यह बताने की आवश्यकता नहीं है।
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