पाकिस्तान में आज के हालात में कौन—किसके विरुद्ध षड्यंत्र कर रहा है, इसका किसी को भी अंदाजा नहीं है। सेना के अधिकारियों और सत्ता में क्या साठगांठ है, कारोबारियों की नेताओं के साथ किस मामले में ‘समझ’ बन रही है, पत्रकारों और मीडिया को लेकर सरकार में क्या खिचड़ी पक रही है? ऐसे सब सवाल वहां के वातावरण को संदेहास्पद बनाते हैं। इसी वातावरण में उस देश के एक बड़े पत्रकार ने पूर्व जनरल बाजवा को लेकर जो कहा है उससे नेताओं और सेनाधिकारियों की भौंहें तनी हुई हैं।
हामिद मीर नाम के पाकिस्तान में एक बड़े टेलीविजन पत्रकार का कहना है कि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा ने मीडिया के लोगों के सामने माना था कि पाकिस्तानी फौज युद्ध लड़ने के काबिल नहीं है। मीर ने बाजवा को लेकर कई अन्य हैरान करने वाली बातें कही हैं।
पत्रकार हामिद मीर के बाजवा को लेकर किए इस एक ‘रहस्योद्घाटन’ को लेकर उस इस्लामी देश में हड़कम्प मचा हुआ है। अपने एक वीडियो में हामिद ने जनरल बाजवा पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ‘कश्मीर को बेचने’ के लिए एक समझौता किया था। मीर वीडियो में दावा करते हैं कि जनरल बाजवा ने भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर युद्धबंदी करने के साथ ही कश्मीर पर एक ‘करार’ किया था। उस समय प्रधानमंत्री रहे इमरान को इस ‘करार’ की न कोई भनक थी, न इससे कोई मतलब था।
हामिद के इस खुलासे पर पाकिस्तान और भारत से तरह तरह की टिप्पणियां सुनने को मिल रही हैं। भारत में सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया करते हुए लोगों का कहना है कि बाजवा ने सच ही तो स्वीकारा है। दूसरी ओर, पाकिस्तानी लोग बाजवा को लानतें भेज रहे है कि उन्होंने ‘कश्मीर को बेच डाला’।
जैसा कि सब जानते हैं, इमरान खान अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। इसके बाद उन्हें कुर्सी से हटना पड़ा था। सत्ता से हटने के बाद इमरान ने वर्तमान की शाहबाज सरकार पर आरोपों को झड़ी लगा दी थी। इमरान ने उस वक्त के पाकिस्तानी फौज के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के विरुद्ध भी मोर्चा खोला था। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि जनरल बाजवा की वजह से उनको कुर्सी से हटाया गया था। सब बाजवा का खेल था।
लेकिन इमरान के समर्थकों को हामिद मीर के वीडियो के रूप में फिर से बाजवा के विरुद्ध मोर्चा खोलने का जैसे हथियार मिल गया है। मीर के उक्त बयान के बाद इमरान खान के खेमे में जैसे जोश आ गया है। मीर ने बाजवा का यह कहना भर उद्धृत नहीं किया है कि ‘पाकिस्तानी फौज में जंग लड़ने की ताकत नहीं है’, बल्कि ‘कश्मीर पर करार’ में बाजवा की भूमिका को लेकर भी जो सवाल खड़े किए हैं, उनसे हर पाकिस्तानी का हैरान होना स्वाभाविक ही है। लेकिन इमरान की पार्टी पीटीआई तो बाजवा के विरुद्ध किसी भी ‘खुलासे’ के लिए हाथ पसारे बैठी रहती है।
इस वीडियो में हामिद मीर बता रहे हैं कि जनरल बाजवा ने फौज की काबिलियत के बारे में बहुत से दावे किए थे। उन्होंने स्वीकारा था कि पाकिस्तानी फौज के पास भारी हथियार नहीं हैं। हामिद के इस वायरल हो चुके वीडियो में वह कहते हैं कि मीडिया के 25 लोगों के सामने बाजवा ने यह भी स्वीकारा था कि पाकिस्तान की फौज के टैंक किसी काम के नहीं हैं। इतना ही नहीं, मीर में बाजवा को उद्धृत करते हुए कहा कि फौज के पास इतना भी पैसा नहीं है कि टैंकों में डीजल भरवाया जा सके।
कश्मीर के संदर्भ में मीर ने बाजवा की जबानी कहा कि उन्होंने कश्मीर को लेकर एक ‘करार’ किया था कि ‘भारत के साथ युद्धविराम होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल 2021 में पाकिस्तान आएंगे’। मीर के अनुसार, जब ‘प्रधानमंत्री मोदी के दौरे’ को लेकर बात पाकिस्तान के उस समय के विदेश मंत्री शाह महमूद के पास पहुंची वह गुस्से में आगबबूला हो गए। उस वक्त के प्रधानमंत्री इमरान का तब कहना था कि बाजवा और फैज हामिद के आपस की बात के बारे में उन्हें कुछ भी नहीं मालूम।
हामिद के इस खुलासे पर पाकिस्तान और भारत से तरह तरह की टिप्पणियां सुनने को मिल रही हैं। भारत में सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया करते हुए लोगों का कहना है कि बाजवा ने सच ही तो स्वीकारा है। दूसरी ओर, पाकिस्तानी लोग बाजवा को लानतें भेज रहे है कि उन्होंने ‘कश्मीर को बेच डाला’।
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