पिछले गुरुवार को पुंछ के भाटादूड़ियां में आतंकियों ने सैन्य वाहन को निशाना बनाया था। हालांकि सेना को अभी तक कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा है। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, (एनएसजी) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व अन्य एजेंसियां भाटादूड़ियां के जंगलों को खंगाल रही हैं। ताजा जानकारी के अनुसार आतंकी हमले के बाद बलिदानी दो जवानों के हथियार भी लेकर फरार हुए हैं। घटना की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को हमले में स्टील बुलेट के इस्तेमाल किए जाने के साक्ष्य मिले हैं। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने संदेह के आधार पर दिगवार के लोगों को हिरासत में लिया है। सुरक्षा एजेंसियां अब तक 30 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही हैं। कुछ को पूछताछ के बाद छोड़ भी दिया गया है। खबरों के अनुसार जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि सुरक्षाबलों की गाड़ी को रोकने के लिए सबसे पहले हमलावरों में शामिल स्नाइपर ने फायरिंग की थी। इसके बाद अन्य आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया था। भागने से पहले आतंकियों ने जवानों के हथियार के साथ ही उनके पास मौजूद गोला बारूद भी अपने कब्जे में लिए थे। अब सुरक्षा एजेंसियां हर पहलू से घटना की जांच कर रही हैं। एनएसजी, एनआईए, सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की टीमें सर्च ऑपरेशन में लगी हैं।
ड्रोन की ली जा रही मदद
सर्च ऑपरेशन के दौरान खोजी कुत्तों तथा ड्रोन की मदद से घने जंगल को खंगाला जा रहा है। इस दौरान एनएसजी के जवान, राष्ट्रीय जांच एजेंसी व अन्य एजेंसियां भाटादूड़ियां के जंगलों को खंगाल रही हैं। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी इन जंगलों में छिपे हो सकते हैं। घटना के पांचवे दिन भिंबर गली-जड़ां वाली गली तक मार्ग को आम यातायात के लिए खोल दिया गया। साथ ही उत्तरी कमान प्रमुख जीओसी इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उधमपुर कमान अस्पताल जाकर आतंकी हमले में घायल जवान शक्तिवेल का हाल जाना। उन्होंने ट्वीट कर उपचाररत जवान के फोटो भी जारी किए। आश्वस्त किया कि आतंकियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।
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