भगवान बदरीनाथ को दान की गई करोड़ों की संपत्तियों की बदरी-केदार मंदिर समिति ने खोज खबर लेनी शुरू कर दी है। ये वो संपत्तियां हैं, जिन्हें कई साल पहले लोगों ने मंदिर ट्रस्ट को दान कर दी थी। इन संपत्तियों पर लोग काबिज हैं, कुछ लोग नाम मात्र का किराया मंदिर को भेजते हैं, कुछ लोगों ने अपने दबदबे के आधार पर कब्जा किया हुआ है।
जानकारी के मुताबिक बदरीनाथ धाम ट्रस्ट के लिए कई साल पहले कई लोगों ने अपने मकान, जमीन या अन्य संपत्तियां दान की हुई हैं। पहले जिन लोगों के आगे पीछे कोई नहीं होता था या फिर जिन बुजुर्गों की इच्छा होती थी वो अपनी संपत्तियों को भगवान बदरी के चरण में समर्पित कर देते थे। ऐसी संपत्तियां हरिद्वार, हल्द्वानी, रामनगर, महाराष्ट्र के मुरादनगर, लखनऊ, देहरादून आदि शहरों में इस समय बेशकीमती हैं और उनपर मंदिर को कहीं से किराया नाम मात्र का मिल रहा, कहीं नहीं मिल रहा है।
महाराष्ट्र के मुरादनगर में 17 एकड़ जमीन है। इस पर एक परिवार का कब्जा है। लखनऊ में 11 हजार वर्ग फुट की संपत्ति है। इसी तरह देहरादून में राजपुर रोड में भी प्रॉपर्टी है। रामनगर, हल्द्वानी में बहुत ज्यादा संपत्ति है। पहले हर शहर में प्रॉपर्टी का किराया और देख रेख के लिए मंदिर ट्रस्ट एक प्रतिनिधि नियुक्त करता था, लेकिन कई सालों से ये व्यवस्था भी कायम नहीं रह सकी है। नतीजा ये निकल रहा है कि यहां काबिज लोग न तो शहर में नगर पालिका निगम आदि में गृह कर जमा करवा पा रहे हैं और न ही मंदिर को किराया दे रहे हैं।
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि यह विषय उनके संज्ञान में है, इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। समिति का एक वित्त अधिकारी भी नियुक्त करने जा रही है, जो मंदिरों की आय और अन्य विषय पर निगरानी करेगा।
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